L19/DESK : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बरियातू रोड स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन को सोमवार को अटैच करेगा।इस सम्बन्ध में जांच एजेंसी ने अटैचमेंट लेटर जारी करने की तैयारी पूरी कर ली है। वहीं इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ सोमवार को ही चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी। इधर फर्जी कागजात के आधार पर इस जमीन को बेचने के मामले में ईडी ने 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन सहित 18 लोगों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद 14 अप्रैल को सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें बड़गाई अंचल उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, इम्तियाज अहमद, मो. सद्दाम हुसैन, तल्हा खान, फैयाज अहमद और पश्चिम बंगाल के वर्धमान निवासी प्रदीप बागची को गिरफ्तार किया था। 4 मई को ईडी ने इसी मामले में छवि रंजन को भी गिरफ्तार कर लिया था,फ़िलहाल ये सभी न्यायिक हिरासत में होटवार जेल में बंद हैं। वहीँ छापेमारी के दौरान बड़गाई अंचल के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के घर से 11 ट्रंक सरकारी दस्तावेज मिले थे। नियम के अनुसार ये दस्तावेज अंचल कार्यालय में होने चाहिए,वहीं अन्य आरोपियों के आवास से भी भारी संख्या में जमीन के फर्जी डीड, फर्जी दस्तावेज और फर्जी स्टांप जब्त किए गए थे।
इधर जमीन खरीदने वाली कंपनी जगतबंधु टी इस्टेट के निदेशक दिलीप घोष और कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल से ईडी ने तीसरे दिन भी पूछताछ की। इसमें दिलीप घोष ने स्वीकार किया कि टी इस्टेट के खाते से अमित अग्रवाल की दूसरी कंपनियों के खाते में पैसे ट्रांसफर होते थे।दिलीप ने अमित अग्रवाल की कई कंपनियों के नाम भी बताए, जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। अब ईडी उन कंपनियों के खातों को भी खंगालेगी, ताकि पता चल सके कि कुल कितनी राशि का ट्रांजेक्शन हुआ। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि टी इस्टेट कंपनी का इस्तेमाल अमित ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया। ईडी ने रविवार को अमित अग्रवाल से भी सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर कई सवाल पूछे, लेकिन उसने हर सवाल का गोल-मोल जवाब दिया। सोमवार को दोनों की रिमांड अवधि का अंतिम दिन है। सोमवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी एक बार फिर इनकी रिमांड तीन दिन और बढ़ाने का आग्रह कर सकती है।
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