L19 DESK : प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने चाईबासा मनरेगा घोटाले की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। इसे लेकर जांच एजेंसी ने एसीबी को पत्र भेजा है। पत्र के माध्यम से ईडी ने एसीबी में दर्ज सभी केस की डिटेल्स व जांच की स्थिति की रिपोर्ट जमा करने को कहा है। कोर्ट ने इस मामले पर ईडी को जांच करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर तक जांच कर कार्रवाई की रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है।
बता दें कि 28 करोड़ मानरेगा घोटाले में एसीबी में 14 केस दर्ज किए गए थे। इन मामलों में चाईबासा के दो पूर्व डीसी समेत डीडीसी व कई अभियंताओं की भूमिका संदेहास्पद बताई गई है। एसीबी ने इस मामले में पूर्व में सभी केस की स्टेट्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में भी दी थी। अब एसीबी इस मामले में एफआईआर व जांच से जुड़े सारे दस्तावेज, चार्जशीट की कॉपी भी ईडी को देगी। ईडी इस मामले में मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर जांच करेगी।
वही 208-11 के बीच चाईबासा में मनरेगा की योजनाओं में हुई वित्तीय अनियमितता की जांच झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 29 अगस्त को हाईकोर्ट को सौंपी थी। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दिया था। कोर्ट ने इस मामले में दर्ज सभी एफआईआर की कॉपी भी ईडी को देने के लिए कहा था। साथ ही ईडी को एक माह के भीतर इसकी जांच कर अगली कार्रवाई की जानकारी 31 अक्टूबर तक कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है।
क्या है किस कांड की स्थिति
- कांड संख्या 6/15, 7/15 19 मई 2017 को चार्जशीट दायर हुई थी। इस केस में सभी आरोपियों की हाजिरी अभी नहीं हो पायी है। पीसी एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में यह केस दर्ज है।
- कांड संख्या 8/15 16 मई 2017 को अंतिम प्रपत्र दायर हो चुका है।
- कांड संख्या 9/15 आरोपी जेई मनोज कुमार, वशिष्ठ नारायण पांडेय, कार्यपालक अभियंता दीनानाथ सिंह, सहायक अभियंता शशि प्रकाश पर अभियोजन स्वीकृति लंबित।
- कांड संख्या 10/15 19 जनवरी 2017 को चार्जशीट दायर हो चुकी है।
- कांड सं 11/15 दीनानाथ सिंह, वशिष्ठ नारायण को जमानत मिली है, वहीं बाकि पर अभियोजन स्वीकृति लंबित है।
- कांड संख्या 12/15 आरोपियों पर अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल पायी है। 23 सितंबर 2022 को आरोपियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है।
- कांड संख्या 13/15 साक्ष्य की कमी दिखा जेई मनोज कुमार, एई अनिल कुमार सिंह को राहत दी गई है, वहीं दीनानाथ सिंह और नरेंद प्रसाद सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है।
- केस संख्या 14/15 साक्ष्य की कमी पाते हुए केस बंद किया गया है।
- केस संख्या 15/15 में अभी भी अनुसंधान जारी है।
बता दे की चाईबासा घोटाले में पुलिस की ओर से 14 केस दर्ज किए गए। बाद में पुलिस से जांच का जिम्मा एसीबी को दिया गया। एसीबी की जांच में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप था कि बिना काम कराए ही योजनाओं का अंतिम भुगतान किया गया है।