L19 DESK : साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम इन दिनों ईडी के कटघरे में आ गये हैं। उन्हें 22 नवंबर को ईडी कार्यालय में पेश होने को कहा गया है। इसी बीच ईडी उनके कई अचल संपत्तियों और निवेश से जुड़ी जानकारियों को विस्तार से जुटाने में लगी है। आलम ये है कि आलम साहब की अब तक जहां जहां पोस्टिंग हुई, वहां वहां की उनकी संपत्ति की खरीद की जानकारी इकट्ठी की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इसके लिये राजस्व विभाग की भी सहायता ली जायेगी। मगर ईडी अब एसपी नौशाद आलम को क्यों घेर रही है?
क्यों एसपी नौशाद आलम हैं ईडी के घेरे में?
दरअसल, साहिबगंज में चल रहे 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में एसपी की भूमिका कथित तौर पर पायी गयी है। एसपी पर आरोप है कि उन्होंने अवैध खनन मामले में ईडी के अहम गवाह रहे विजय हांसदा को गवाही से मुकरने के लिए दबाव बनाया। ईडी को इससे संबंधित कई सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर एसपी का बयान लिया जाना है।
बता दें कि विजय हांसदा ने ईडी को जानकारी दी थी कि साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर पंकज मिश्रा और उनके सहयोगी अवैध खनन कर रहे हैं। विजय हांसदा ने ग्रामीणों के साथ मिलकर अवैध खनन रोकने की कोशिश की, तो पंकज मिश्रा के सुरक्षा गार्ड ने उनके साथ मारपीट किया। बताया जा रहा है कि साहिबगंज में नौशाद आलम की तैनाती के बाद ही अवैध खनन मामले में विजय हांसदा अपनी गवाही से मुकर गया। और तो और वह इस मामले में प्रतिरोधी बनकर उल्टा ईडी के खिलाफ ही बयान देने लगा। पूरे विवाद में उसने ईडी के अफसरों और दूसरे गवाहों के खिलाफ एससी एसटी का केस दर्ज किया था। यही नहीं, उसने सीबीआई जांच से जुड़ी पिटिशन वापसी के लिये कोर्ट में गुहार लगायी थी।
ईडी की जांच में ये बात सामने आय़ी है कि विजय हांसदा को रांची लाने जाने और दिल्ली ले जाने का खर्च भी एसपी नौशाद आलम ने ही उठाया था। इस बाबत ईडी ने गवाह को प्रभावित करने के मामले में एसपी साहब को मुख्य संदेही माना है. इसी संबंध में उनकी Properties की जांच की जा रही है। ईडी अपने पूछताछ के दौरान उनसे अवैध खनन केस में गवाह को प्रभावित करने के मामले में भी सवाल खड़े करेगी।
जानकारी के मुताबिक, ईडी इस मामले की भी जांच करेगी कि रांची में ग्रामीण एसपी रहने के दौरान उन्होंने कितनी संपत्ति की रजिस्ट्री अपने या परिजनों के नाम करायी है। इसे लेकर पहले एसपी से, फिर उनके परिजनों और आश्रितों से पूरी संपत्ति का विवऱण AFFIDAVIT के साथ मांगा जायेगा।
कौन हैं नौशाद आलम ?
नौशाद आलम की अगर बात करें तो साहिबगंज में पोस्टिंग से पहले वह रांची में ग्रामीण एसपी के पद पर तैनात थे। वह भारतीय पुलिस सेवा 2010 बैच के अधिकारी हैं। पहली बार उन्हें रांची में साल 2020 में ग्रामीण एसपी का पदभार मिला। रांची में पोस्टिंग के दौरान उनकी कार्यशैली तारीफें बटोरती थीं। कहा जाता था कि वह एक खुली किताब की तरह हैं। दिन भर की अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद हर रोज वह मीडियाकर्मियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते। जहां वह अपने दिन भर के काम काज का एक एक हिसाब पत्रकारों के समक्ष पेश कर देते थे। मगर साहिबगंज में उनकी पोस्टिंग के बाद अब वह ईडी के घेरे में आ गये हैं।