L19 DESK : बीते 3 नवंबर को ईडी ने जेल में छापा मारा था। ईडी को ये जानकारी मिली थी कि जेल के अंदर ही केस को खत्म करने के लिये ईडी के खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्हें झूठे केस में फंसाने के लिये कई घोटाले के आरोपी, जेल कर्मचारियों और नक्सली संगठनों की मदद ले रहे हैं। इसी जानकारी के आधार पर ईडी ने जेल में छापेमारी की और 3 जेल कर्मचारियों हामिद अख्तर, नसीम खान औऱ दानिश रिज़वान को पूछताछ के लिये ईडी ऑफिस बुलाया। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। मगर अब इनमें से 2 जेल कर्मचारी यानि जेल सुपरीटेंडेंट हामिद अख्तर और जेलर नसीम खान पर कभी भी गाज गिर सकती है।
हामिद अख्तर और नसीम खान हो सकते हैं गिरफ्तार
मिली जानकारी के अनुसार, ईडी अब इन दोनों को गिरफ्तार करने की तैयारी में जुट गयी है। इन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। ईडी को इन दोनों के खिलाफ कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं। पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के सिंडिकेट में शामिल दोनों जेल कर्मचारी हामिद अख्तर और नसीम खान ने कई घोटाले के आरोपियों को गलत तरीके से मदद पहुंचाने के एवज में अवैध कमाई की। जांच में दोनों के खिलाफ अपनी इनकम से अधिक संपत्ति के सबूत मिले हैं। दोनों के बैंक खातों में अलग अलग स्रोतों से पैसे आये हैं, जिसके बारे में ईडी का अनुमान है कि ये रिश्वत के पैसे हैं।
इसके बाद इन दोनों के परिवार के सदस्यों की चल अचल संपत्ति का ब्योरा खंगाला गया, जहां अवैध कमाई के कई सबूत मिले। ये भी पता चला कि ईडी ने जिन्हें गिरफ्तार किया है, उनमें कई आरोपी पहले भी जेल जा चुके हैं। इनसे भी मदद के बदले पैसे लिये गये। अब इसे लेकर ईडी का कहना है कि जेल सुपरीटेंडेंट हामिद अख्तर औऱ जेलर पर कार्रवाई करने के लिये किसी दूसरे केस की जरूरत नहीं है। पहले से चले आ रहे केस में ही इनपर कार्रवाई करने का पुख्ता आधार है।
गौरतलब है, मनरेगा घोटाला, अवैध खनन घोटाला, टेंडर कमीशन स्कैम, जमीन घोटाला, और शराब घोटाला के कई आरोपी फिलहाल होटवार जेल में बंद हैं। इनमें से कई काफी पावरफुल हैं। इन्हें जेल के अंदर विशेष सुविधायें पहुंचाये जाने की शिकायत ईडी को मिली थी।