L19/HAZARIBAGH : प्रसव पीड़ा से कराहती एक गर्भवती महिला मुन्नी देवी को अस्पताल जाने के लिए चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। यह मामला हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर सुदूरवर्ती पहाड़ों के बीच डाड़ीघाघर पंचायत के पुरनपनियां गांव की है। गांव तक अच्छी सड़क नहीं होने के कारण अन्य महिला और सहिया ने सहयोग कर पहाड़ी पगडंडी के रास्ते चार किलोमीटर पैदल चलाकर फुफंदी गांव तक लाये, तब जाकर गर्भवती को एंबुलेंस नसीब हुआ। इसके बाद दर्द से कराहती गर्भवती महिला शुक्रवार को करीब 10 बजे सीएचसी इचाक पहुंची। जहां एएनएम की देखरेख में उसने एक बेटी को जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है।
पूरा मामला
डाडीघाघर पंचायत के पुरनपनियां गांव निवासी सुरेंद्र किस्कू की पत्नी मुन्नी देवी को आठ जून की रात से ही प्रसव पीड़ा का एहसास हुआ। रात होने के कारण महिला घर पर छटपटाती रही। सुबह होने पर उसके पति सुरेंद्र किस्कू, बाबूलाल मांझी, गांव की महिला चंदमुनी देवी, ननकी देवी, सुकुरमुनी देवी ने गर्भवती महिला को सहारा देते हुए तीन घंटे में चार किलोमीटर पैदल चलाकर फुफंदी चौक तक लाये। इसके बाद एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।
बता दें कि फुफंदी गांव के बाद डाडीघाघर पंचायत के पूर्णपनियां, गरडीह, सालूजाम, धरधरवा गांव जाने के लिए पक्की सड़कें नहीं होने के कारण पहाड़ी पगडंडी से होकर लोग आना-जाना करते हैं। जिसके कारण लोगों को वर्षों से परेशानी झेलनी पड़ रही है। बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को डोली में बैठाकर इलाज करवाना पड़ता है जो गंभीर चिंता का विषय है।