L19 DESK : विस्थापित संघर्ष समिति भवनाथपुर पलामू की ओर से बोकारो के परियोजना भूमि एवं पुनर्वास निदेशक कार्यालय के समक्ष सोमवार को धरना दिया गया। मौके पर उपस्थित नेताओं ने डीपीएलआर को एक ज्ञापन भी सौंपा। धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के मुख्य संरक्षक सुशील कुमार चौबे ने कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र के द्वारा संचालित भवनाथपुर चूना पत्थर खदान, तुलसीदामर डोलोमाइट खदान खोलने हेतु तत्कालीन सरकार से भू अर्जन विभाग द्वारा 1970 में भवनाथपुर नगर उंटारी के विभिन्न राजस्व ग्रामों के रैयतों से भूमि अधिग्रहण की थी, भूमि अधिग्रहण के पश्चात चूना पत्थर खदान भवनाथपुर तथा तुलसीदामर और डोलोमाइट खदान को चालू किया गया। इस दौरान पूर्व विस्थापित परिवारों के साथ 17 फरवरी 1968 को तत्कालीन प्रबंध निदेशक के इंचार्ज के साथ बैठक आहूत की गई थी।
जिसमें उन्होंने विस्थापित परिवारों को नौकरी देने तथा उस जमीन के बदले मुआवजा देने का आश्वासन दिया था। परंतु समय के साथ साथ प्रशासन और बीएसएल प्रबंधन अपने वादों से मुकर गया श्री चौबे ने कहा कि हमारी जमीन है और हमें ही उपेक्षित रखा गया और तो और इन खदान के माध्यम से जिन परिवार के सदस्यों को 2 जून की रोटी मिलती थी उन्हें भी बेरोजगार कर दिया गया तथा खदान को भी बीएसएल ने बंद कर दिया सैकड़ों विस्थापित परिवारों के सामने भुखमरी का संकट उत्पन्न हो गया है। श्री चौबे ने कहा कि आज मैं डीपीएलआर को अल्टीमेटम देने आया हूं। इसके बावजूद भी हमारी मांगों पर कोई करवाई नहीं होती है तो हम केवल डीपीएलआर ही नहीं बल्कि बीएसएल के प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन करेंगे और मुख्य गेट भी हम जाम करेंगे ।