L19 Seraikela Kharsawan : चांडिल अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के विस्थापित आज यानि मंगलवार को पैदल यात्रा करके राजभवन पहुंचे। राजभवन में विस्थापितों ने 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। विस्थापितों ने बताया कि सरकार या प्रशासन विस्थापितों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। तब तो 44 साल बीतने के बाद भी अबतक उनका जीर्णोद्धार नहीं हो सका है। दरअसल सुवर्णरेखा परियोजना के तहत चांडिल डैम प्रशासन द्वारा द्वारा कई गांवों को विस्थापित किया गया था। जिसके बदले हर घर सरकारी नौकरी, निर्गत किए गए विकास पुस्तिका, निर्गत किए गए पुनर्वास पैकेज आदि की पूर्ति अबतक सरकार द्वारा नहीं की गई है।
विस्थापितों की मांग है कि विकास पुस्तिका में अंकितनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार को सरकारी नौकरी दिया जाए या विस्थापितों को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए। सभी विस्थापितों को पूनर्वास के लिए 25 डिसमिल भूखंड दिया जाए। 2012 तक 18 वर्ष पूर्ण होने वाले सभी सदस्यों के नाम विकास पुस्तिका निर्गत किया जाए। परिवार प्रमुख के मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रितों के नाम विकास पुस्तिका निर्गत करने की मांग कर रहे है।