L19 DESK : देवघर जिले के एक निजी अस्पताल ने बिना पैसे दिए शव देने से इनकार कर दिया तो मां ने अपनी जमीन बेचकर अस्पताल का बिल चुकाया और बेटे का शव ली. दरअसल, मोहनपुर के चकरमा गांव निवासी कन्हैया कापरी एक सड़क हादसे में जख्मी हो गया था, जिसे इलाज के लिए कुंडा के मेधा सेवा सदन में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
आपको बता दें कि 1 अप्रैल से 5 तक, कन्हैया इस नर्सिंग होम में भर्ती था. इस दौरान इलाज का बिल 40 हजार रुपए बना, लेकिन परिजन बिल नहीं दे पाए तो क्लीनिक प्रबंधन ने शव सौंपने से इनकार कर दिया. जिसके बाद परिजनों ने जमीन बेचकर और चंदे से पैसा जुटाकर क्लीनिक को पैसे दिए और शव लिया.
वहीं, जिले के मोहनपुर थानांतर्गत चकरमा गांव निवासी वीणा देवी की मानें तो बेटे कन्हैया कुमार कापरी का शव लेने के लिए उसने अपनी ज़मीन बेच दी. वीणा ने बताया कि मंगलवार को सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी बेटे को इलाज के लिए कुंडा के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
वहीं दूसरी ओर मेधा सेवा सदन के संचालक डॉ. संजय ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि शव को बंधक नहीं बनाया गया था. गंभीर हालत में भर्ती किशोर की शुक्रवार सुबह मौत हो गई. परिजन शव ले गए, इलाज में 44 हजार रुपए का बिल बना था, लेकिन परिजनों ने सिर्फ 10 हजार रुपए ही दिए.