L19 DESK : झारखंड की राजधानी में अवस्थित श्रीराम बाल बियरिंग्स लिमिटेड (एसबीएल) मामले में अब दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित कंपनी एप्लीकेशन 375 ऑफ 2023 को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में फ्राड इनवेस्टिगेशन दायर करने की तैयारी चल रही है। एसबीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लिक्विडेशन स्टेज में है। इसमें 31 मई 2023 को एडवोकेट नित्यानंद महतो की तरफ से पीटिशन दायर किया गया था। इसमें जस्टिस संजीव नरूला की अदालत ने एसबीएल श्रमिक समिति, कंपनी एप्लीकेशन के एडवोकेट, एसबीएल के एडवोकेट और लिक्विडेटर को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है। कंपनी एप्लीकेशन 375 ऑफ 2023 के तहत एसबीएल इंडस्ट्रीज के शेयर को अवैध ट्रांसफर मामले में नोटिस जारी कर पूर्व प्रबंधन से जवाब मांगा है।
एसबीएल इंडस्ट्रीज में 503 से अधिक कर्मी आज भी अपने ग्रैच्यूटी और लंबित वेतनमान के लिए 20 साल से अधिक समय से मांग कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट में 31 मई 2023 को दायर याचिका में गलत तरीके से शेयर ट्रांसफर करने का उल्लेख करते हुए जांच की मांग की गयी है। जिसमें रांची के अभय कुमार और गुलजार हुसैन ने अपने को कंपनी का निदेशक होने का दावा किया है। इसके बाद कंपनी के पूर्व निदेशक प्रफूल्ल चंद्र सेन को भेजे गये नोटिस में एक कथित दावेदार प्रदीप प्रसाद ने कहा है कि उनके साथ पीसी सेन ने समझौता किया है। पर उन्होंने इससे संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। प्रदीप प्रसाद ने कहा है कि अभय कुमार, गुलजार हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी। प्रदीप प्रसाद ने कहा है कि अभय कुमार और गुलजार हुसैन ने कोर्ट में जो दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं, वह गलत हैं।
अभय कुमार, प्रदीप प्रसाद, गुलजार हुसैन, अकासिया ट्रेड लिमिटेड कर रहे हैं दावेदारी
दस्तावेजों के अनुसार किशोरगंज, रांची के अभय कुमार और मो गुलजार को तत्कालीन निदेशक पीसी सेन ने डायरेक्टर बनाया था। कंपनी के निदेशक मंडल से पीसी सेन ने 31 मार्च 2010 को इस्तीफा दिया था और कहा था कि वह निदेशक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने यह कहा था कि कंपनी का मामला लिक्विडेशन में है। वहीं कंपनी की दूसरी निदेशक कृष्णा सेन ने भी 18 मई 2010 को अपना इस्तीफा दे दिया था। द्विपक्षीय समझौते के तहत कंपनी के निदेशक मंडल ने बोर्ड की बैठक में अभय कुमार और मो गुलजार को निदेशक नियुक्त किये जाने और उनके इंडक्शन पर भी सहमति दी थी। यह बैठक 31 मार्च 2010 को हुई थी। इसमें शंभू एस कुमार, अभय कुमार, किशोर साहू और गुलजार हुसैन को निदेशक मंडल में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव पर तत्कालीन निदेशक पीसी सेन की सहमति भी थी। यह बैठक कोलकाता में आयोजित की गयी थी।
क्या है पूरा मामला
एसबीएल इंडस्ट्रीज को बचाने के लिए एक सौ रुपये के भारतीय गैर न्यायिक स्टांप पेपर पर 25 मई 2011 को पीसी सेन ने रांची के किशोरगंज निवासी अभय कुमार और पुनदाग, जगरनाथपुर के रहनेवाले मो गुलजार हुसैन के साथ द्विपक्षीय समझौता किया था। पीसी सेन ने कंपनी के 70 प्रतिशत शेयर इन दोनों के नाम ट्रांसफर करने की बात भी स्वीकार की थी। इंडियन कंपनीज एक्ट 1956 के तहत बीमारू कंपनी एसबीएल की कुल अधिकृत संपत्ति 27.50 करोड़ रुपये तय की थी। इसके 20 लाख इक्विटी शेयर 10 रुपये के हिसाब से तय किये गये थे, जिसका प्रेफरेंशियल मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर था। कंपनी का पेड अप कैपिटल एक करोड़ 47 लाख 41 हजार चार सौ रुपये था, जिसके 14,74,140 शेयर तय किये गये थे। एक एक शेयर का मूल्य 10 रुपये तय किया गया था। इसके अलावा पीसी सेन ने कई और समझौते किये हैं, जिसकी जानकारी कोर्ट को दी जायेगी। कोर्ट से इन सभी कृत्यों के आधार पर फ्राड इनवेस्टीगेशन करने की इजाजत मांगी जायेगी और आरोपियों को गिरफ्तार करने की गुजारिश भी की जायेगी।