l19/DESK : तारीख पे तारीख, कैलेंडर पे कैलेंडर…जी हां इन दिनों झारखंड कर्मचारी चयन आयोग यानी JSSC बेरोजगार युवाओं के साथ ऐसा ही लुका छुप्पी का खेल.. खेल रहा है। जब चाहे तब कैलेंडर जारी कर देता है एक नया आश्वासन देता है … और फिर जब परीक्षा की तारीख नजदीक पहुंचती है तो परीक्षा ना लेकर फिर से संशोधित कैलेंडर जारी करता है, झारखंड के युवाओं के साथ JSSC इन दिनों गजब का मजाक कर रहा है। ऐसा ही मजाक JSSC ने एक बार फिर से किया है जिसके तहत आयोग ने एक बार फिर नया परीक्षा कैलेंडर जारी किया है। जारी नए कैलेंडर के अनुसार अब सीजीएल की परीक्षा सितंबर 2024 के आखिरी सप्ताह में होगी। वैसे उम्मीद तो इस तारीख पर भी नही है क्यूंकि JSSC और सरकार की कार्यशैली में कोई बिशेष बदलाव देखने को नही मिल रहा है। वैसे आपको बता दे कि यह परीक्षा अगस्त के दूसरे सप्ताह में आयोजित करने की बात कही गई थी लेकिन अब फिर से तारीख बढ़ा दी गई है।
वैसे भी पिछले साढ़े चार सालों से झारखंड के युवाओं के साथ नौकरी के नाम पर बंदरिया नाच नचाया जा रहा है, लॉलीपॉप थमाया जा रहा है। जब जब विद्यार्थी आंदोलन करते हैं सरकार और आयोग एक्टिव हो जाते हैं जैसे मानो अगले दो ही दिन के अंदर एग्जाम ले लेगी। फिर विद्यार्थी पढ़ने बैठ जाते हैं समय पहुंचता है लेकिन एग्जाम कब होगी इसका कोई आता ना पता नहीं… फिर विद्यार्थी सोशल मीडिया में कैंपेनिंग चलते हैं सड़कों पर आते हैं हो हल्ला करते हैं तब फिर रातों-रात नया कैलेंडर जारी कर दिया जाता है। इसे मजाक नहीं तो क्या समझे भाई!
एग्जाम नहीं लेना है तो बोल दीजिए युवा आशा छोड़ देंगे, लेकिन इस तरह से आश्वासन पर आश्वासन तारीख पर तारीख कैलेंडर पर कैलेंडर का खेल तो खेलना बंद करो। एक तो आयोग 10 साल से सीजीएल एक्जाम ले नहीं पा रही है अगर ले भी रही है तो पेपर लीक हो जा रहा है ।भई! क्या करना है क्लियर बता दो युवा ऐसा ही करेंगे, लेकिन इस तरह से युवाओं के साथ के साथ मजाक करना तो छोड़ दो।
कितने लोग हैं जो अपने गांव से शहर आए हैं इस आशा से कि शायद इस बार एग्जाम हो जाएगा। पास होना नहीं होना तो अलग बात है लेकिन कम से कम आप एग्जाम तो समय से लीजिए बाकी जिसमें प्रतिभा है वह अपनी मेहनत से नौकरी ले लेगा। जो नहीं ले पाया वह अगली परीक्षा के लिए तैयारी में लग जाएगा लेकिन कम से कम आपके एग्जाम तो समय से लीजिए। लेकिन एग्जाम तो दूर यहां लुका छुपी का खेल चल रहा है.. युवाओं के साथ मानसिक प्रताड़ना किया जा रहा है उन्हें सड़कों पर निकलने के लिए मजबूर किया जा रहा है ऐसे में कैसे होगा युवाओं के सवालों के जवाब कौन देगा?