L19/Ranchi : रांची में अपराधियों के द्वारा खलारी में कोयला लिफ्टर रवि राम के ऊपर (10 फरवरी) को सुबह-सुबह गोली से जानलेवा हमला हुआ, पर मोबाइल फोन ने उनकी जान बच गयी। हमले से आक्रोशित व्यापारियों ने कोयला ढुलाई का काम ठप कर दिया। कोयला लिफ्टर रवि राम केडीएच कोयला स्टॉक से अपनी मोटरसाइकिल से आ रहा था। खलारी थाना क्षेत्र के रोहिणी-केडीएच रोड पर घात लगाकर अपराधी बैठे हुए थे। जैसे ही अपराधियों ने उसे देखा फायरिंग कर दी। एक गोली रवि की पैंट की जेब में रखे मोबाइल फोन से टकराई। रवि ने मोटरसाइकिल को छोड़कर जान बचाने के लिए दामोदर नदी से होते हुए भागा।
रवि जब भाग रहा था, तभी अपराधियों ने उस पर कई बार गोली चलाई। जबकि, रवि किसी तरह से हमलावरों की गोली से बच गया। घटना की जानकारी मिलते ही उनके साथी उसे अस्पताल ले गए। प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया। रवि राम अब पूरी तरह से सुरक्षित है। सीआईएसएफ के अधिकारी और क्यूआरटी की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। लगभग 4 घंटे के बाद भी खलारी थाना पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची थी। घटना के बाद कोयला लिफ्टरों में दहशत है। मालूम हो कि खलारी-पिपरवार के कोयला व्यवसायियों को लेवी के लिए फोन किया जाता है।
4 जनवरी को रातू में दिनदहाड़े कोयला व्यवसायी अभिषेक श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसकी जिम्मेवारी उग्रवादी संगठन टीएसपीसी ने ली थी। नक्सली संगठन व अपराधी गिरोह लेवी के लिए कोयला व्यवसायियों को निशाना बनाते रहते हैं। कोयला व्यवसायियों का आरोप है कि पुलिस का सूचना तंत्र फेल हो गया है। पुलिस उनको सुरक्षा देने में नाकाम है। अगर वे उग्रवादियों और नक्सलियों को लेवी देते हैं, तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए उनको पकड़ लेती है। अगर लेवी नहीं देते हैं, तो नक्सली, उग्रवादी और अपराधी उन्हें गोली मार देते हैं। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो खलारी-पिपरवार में कोयला व्यवसाय बंद हो जाएगा। कोयला व्यवसाय बंद हो गया, तो सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। खलारी के बाजार पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।