L19/Ranchi : राजधानी रांची में 2010 के दशक में हुए 55 करोड़ से अधिक के संजीवनी बिल्डकोन घोटाला मामले में रातू अंचल के दो तत्कालीन अंचल अधिकारी ओम प्रकाश यादव और कृष्ण कुमार की क्रिमिनल रिवीजन याचिका झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने 25 जुलाई को याचिका पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। संजीवनी बिल्डकोन मामले में तत्कालीन कर्मचारी रहे शशि भूषण सिंह और कृष्ण कन्हैया राजहंस (अंचल अधिकारी) की क्रिमिनल रिवीजन पीटिशन भी 5 अप्रैल को जस्टिस गौतम चौधरी ने खारिज कर दी थी।
जस्टिस चौधरी ने मामले में दोनों को आरोपी बताते हुए कहा था कि उनकी वजह से ही भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेल को-आपरेटिव की जमीन की दोहरी जमाबंदी कर दी गयी। इसमें कई साक्ष्यों को कर्मचारी शशि भूषण सिंह और सीओ कृष्ण कन्हैया राजहंस ने छुपा दिया था। कुल मिला कर संजीवनी बिल्डकोन मामले में तीन अंचल अधिकारी, हल्का कर्मचारी रहे कर्मियों को अब झारखंड हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली।
कोर्ट में इन आरोपियों ने 10 साल से याचिका दायर कर सीबीआइ के अनुसंधान को प्रभावित करने की पूरी कोशिश की थी। जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने इसी मामले में आरोपी रांची के तत्कालीन अंचल अधिकारी ओम प्रकाश यादव और कृष्ण कुमार की क्रिमिनल रिवीजन पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया हैतत्कालीन सीओ ओम प्रकाश यादव और कृष्ण कुमार के खिलाफ संजीवनी बिल्डकॉन को फायदा पहुंचाने के आरोप में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने तीन प्राथमिकियां दर्ज की है।
इसी प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के दोनों अधिकारियों ने हाईकोर्ट से गुहार लगायी थी। कोर्ट ने सीबीआइ की ओर से दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से मना करते हुए सीओ ओम प्रकाश यादव और कृष्ण कुमार की याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायालय ने सीबीआइ से अग्रेतर कार्रवाई जारी रखने का निर्देश देते हुए सजा के बिंदू पर अमल करने को कहा है।