L19/DESK : सोमवार सुबह संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मणिपुर का मुद्दा गरमाया रहा। सत्र से पहले दिल्ली में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे ‘INDIA’ के 300 से ज्यादा नेता जुटे। विपक्षी दलों की तरफ से लगातार मांग की जा रही है कि सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दें। वहीं दूसरी ओर जहां राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ विपक्ष पर नाराज होते देखे गए वहीं, लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी विपक्ष को शांत रहने की सलाह दी। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘हम राज्यसभा और लोकसभा दोनों के अध्यक्षों से प्रधानमंत्री मोदी को सदन में आने और मणिपुर की असल स्थिति बताने की अपील करने का अनुरोध किए। अध्यक्ष ने कहा कि पीएम संसद के कमरों में तक नहीं आते हैं, वे अपने दफ्तर में बैठते हैं और जारी चर्चा को सुनते हैं। अगर पीएम संसद में मणिपुर पर बयान दे दें, तो हम चर्चा कर सकते हैं और देखते हैं कि क्या होता है।’ राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘नियम 267 की खासियत यह है कि हम एक मुद्दे पर एक घंटा या सारा दिन चर्चा कर सकते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं चाहते।’नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा ‘परेशानी ऐसे खत्म नहीं होगी, आप 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आप क्यों सदन में नहीं आ रहे लोगों को सच्चाई क्यों नहीं बता रहे?’
इधर, भाजपा की ओर से भी संसद में कांग्रेस की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार के खिलाफ प्ररदर्शन किया गया। सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर विपक्ष की चुप्पी परेशान करने वाली है। ज्यादा दुखद यह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अपने ही मंत्री की नहीं सुन रहे।’ राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन से कहा, ‘डेरेक ओ ब्रायन जी, कृपया बैठ जाएं, आप कुर्सी को चुनौती दे रहे हैं।’ वहीं, लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी सदस्यों से शांत रहने के लिए कहा, ‘जो आप चाहते हैं, सदन उसपर चर्चा के लिए तैयार है। लोगों ने आपको यहां शोर मचाने के लिए नहीं भेजा है।’