L19 DESK : अबुआ बीर दिशोम अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस अभियान का आयोजन रांची के धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन में हुआ इस मौके पर मुख्य सचिव सहित कई अधिकारी मौजूद थे। योजना के तहत वनों पर निर्भर रहने वाले आदिवासियों को वनाधिकार पट्टा दिया जायेगा। इसके तहत अनुमंडल व जिला स्तर पर वनाधिकार समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां वनाधिकार पट्टा किसे दिया जाएगा, इसकी अनुशंसा करेंगी। झारखंड के लगभग 27 प्रतिशत भू- भाग पर जंगल है। इसमें विभिन्न जनजातीय समुदाय के लोग निवास करते हैं। सरकार भी वन संरक्षण को लेकर गंभीर है। इसी उद्देश्य के तहत सरकार ने इस योजना की शुरूआत की है। चूंकि, सरकार का मानना है कि जंगलों की रक्षा स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिकार देकर की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक अभियान का प्रथम चरण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जायेगा।
अबुआ बीर दिशोम अभियान को सफल बनाने के लिए जिलों के उपायुक्तों, वन प्रमंडल पदाधिकारियों समेत जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। बताते चले कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर इस अभियान के लिए एप और वेबसाइट बनाई गई है। जिससे पूरी जानकारी मिलेगी कि किस जिले में कितनी वनाधिकार समितियां संचालित हो रही है और कौन-कौन ग्रामसभाएं सक्रिय है। इससे वनाधिकार का पट्टा देने के अभियान में तेजी आएगी।