L19 DESK : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज पशु दिवस है। आज के दिन पलामू की पावन धरती पर मेधा डेयरी प्लांट का उद्घाटन कर रहे हैं। इससे बेहतर क्या होगा ? उन्होंने कहा कि पलामू के लोग अगर दूध व्यापार को अपने व्यापार में शामिल कर ले तो किसानों को आय दुगनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव मजबूत होगा तो राज्य सशक्त बनेगा। सीएम बुधवार को पलामू से सात किलोमीटर दूर चियांकी के गणके गांव में डेयरी प्लांट का उद्घाटन करने आए थे। उनके साथ कृषि मंत्री बादल पत्रलेख एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव भी थे।
यह राज्य का सातवां डेरी प्लांट है। इस प्लांट में 28 करोड रुपए खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा अगर किसान भाई साथ देंगे दूध के उत्पादन में तेजी लाएंगे तो पलामू में एक दर्जन प्लांट भी देने पड़ेंगे तो सरकार देगी। उन्होंने कहा कि सरकार गाय बांट रही है, जरूरत पड़ी तो भैंस भी बांटी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पशुधन को बढ़ावा दिया है। हम चाहते हैं कि अपने राज्य में ही पशुधन हो। आज हम दूसरे राज्यों से पशुधन मांगते हैं चाहे वह मछली हो, अंडा हो या मुर्गी हो। मुख्यमंत्री ने डेयरी प्लांट को 21 करोड़ 90 लख रुपए का अनुदान का चेक भी दिया। यह अनुदान की राशि प्रति 3 लीटर दूध के हिसाब से किसानों को वापस दी जाएगी।
उन्होंने पलामू एवं गढ़वा का जिक्र करते हुए कहा कि यहां के किसान हमेशा चुनौतियों से घिरे रहे हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता प्रकट करते हुए किसानों को राय दी की कृषि पद्धति में समय के साथ बदलाव लाएं। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि वह इसी गांव के रहने वाले हैं। इस प्लांट के खुल जाने से 25 हजार किसानों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने मंच से कृषि मंत्री से सूखा चारा की व्यवस्था करने की भी मांग की। मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पांच एकड़ की भूमि पर पलामू में स्थापित मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।
दूध का प्रोसेसिंग से लेकर पैकेजिंग की बेहतर सुविधा है। मेधा डेयरी प्लांट से पलामू प्रमंडल के 25 हजार से अधिक पशुपालक किसान भाइयों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. वर्तमान में यहां दूध की पैकेजिंग होगी। भविष्य में यहां दही, पनीर, लस्सी, पेड़ा, राबड़ी एवं गुलाब जामुन का निर्माण कर बाजार में उतारा जायेगा। पलामू का मेधा डेयरी प्लांट राज्य का सातवां डेयरी प्लांट है। इसके पूर्व से रांची, देवघर, कोडरमा, लातेहार, सारठ एवं साहिबगंज में प्रोसेसिंग प्लांट क्रियाशील है। मौके पर राज्य एवं जिला के कई प्रशासनिक अधिकारी, राजनीति दलों के नेता एवं किसान मौजूद थे।
मेधा डेयरी प्लांट के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार ने बताया कि पलामू में स्थापित डेयरी प्लांट का संचालन झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा किया जायेगा. प्लांट तकनीक से लैस है। कच्चा एवं प्रोसेस दूध को स्टोरेज करने के लिए 4 मिल्क सायलो लगाया गया है। प्रत्येक की क्षमता 20-20 हजार किलो लीटर की है। वहीं पांच हजार लीटर क्षमता की पास्तुराइजर लगे हैं, जो दूध में व्याप्त अनावश्यक तत्वों को नष्ट करने का कार्य करेगा। वहीं पांच हजार लीटर क्षमता की क्रीम सैपरेटर लगे हैं, जिसके माध्यम से दूध के क्रीम को अलग किया जायगा।
वहीं 5 हजार लीटर क्षमता की होमोनाइजर लगे हैं, यहां से संतुलित दूध निकलेगा। सैपरेटर एवं होमोनाइजर के माध्यम से दूध की गुणवत्ता का विकास होगा। इसके अलावा अमोनिया रेफ्रिजरेटर प्लांट लगे हैं, जिसके माध्यम से दूध को ठंडा किया जायेगा। इसके अलावा दो हजार किलोग्राम प्रति घंटा क्षमता की दो ब्वॉयलर लगे हैं। इससे दूध को गर्म करने की व्यवस्था की गयी है।
दूध को 80 डिग्री तापमान पर गर्म करने का प्रावधान है, इसके बाद 4 डिग्री तापमान पर उसे ठंडा किया जाता है, ताकि दूध व्याप्त स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले बैक्ट्रिया को समाप्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि मेधा डेयरी प्लांट की स्थापना से पलामू प्रमंडल के युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। प्लांट एंड प्रोडक्ट हेड उमाशंकर सिंह ने बताया कि डेयरी प्लांट से दूध प्रोसेसिंग के संपूर्ण ट्रायल पूरा कर लिया गया है। उद्घाटन हो गया है प्रोसेस किया हुआ दूध जल्द बाजार में उतरेगा।