L19 Desk : झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में आज सोमवार 1 सितंबर को 15वें वित्त आयोग की स्वास्थ्य मद की राशि खर्च करने को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इस दौरान उन्होंने राज्य के सभी डीसी को अहम दिशा निर्देश दिये। स्वास्थ्य मद में 15वें वित्त आयोग की 50 फीसदी राशि अक्टूबर के मध्य तक खर्च सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ताकि केंद्र से 1020.27 करोड़ की बकाया राशि पर दावा किया जा सके। इस संबंध में मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को मिशन मोड में काम करने की नसीहत दी। सात ही एक्शन प्लान बनाने का निर्देश भी दिया, ताकि ये पता चलता रहे कि आगे कैसे बढ़ना है।
भवन बने, तो सुविधाएं भी मिलें
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा कि जिन स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्रों का भवन तैयार हो चुका है, वहां तुरंत आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि इसकी साप्ताहिक समीक्षा भी की जाए। उन्होंने कहा कि कई जगह भवन तो खड़े हो गए हैं, लेकिन वहां स्वास्थ्य सेवाएं शुरू नहीं हुईं। अब यह सुनिश्चित करना होगा कि बने हुए भवन का पूरा उपयोग हो और आम लोगों को इसका लाभ मिले।
भुगतान और डाटा अपडेट का निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि जहां निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, वहां का भुगतान कर दिया जाए और संबंधित डाटा को तुरंत अपडेट किया जाए। उपायुक्तों को निर्देश दिया गया कि अगर किसी तरह की अड़चन हो तो संबंधित विभाग से समन्वय कर समस्या का समाधान करें।
1344 करोड़ से स्वास्थ्य ढांचा मजबूत
15वें वित्त आयोग की राशि से झारखंड में 1344.08 करोड़ रुपये की लागत से एचएससी, पीएचसी, सीएचसी, ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट (BPHU), शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (UAAM) और पीएम-अभीम (ABHIM) जैसी स्वास्थ्य परियोजनाओं का निर्माण हो रहा है। इसमें शहरी और ग्रामीण इलाकों में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जा रहा है।
पंचायत स्तर पर भी उपकेंद्र
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि 948 पंचायतों में स्वास्थ्य उपकेंद्र बहाल किए जाने हैं। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि निर्माण के लिए जगह का चयन अंचलाधिकारियों की मदद से किया जाए। साथ ही, आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लाभुकों का केवाईसी पूरा करने पर जोर दिया गया।