L19 DESK : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और करीबियों को माइनिंग लीज आवंटित किए जाने के मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सरकार का पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि माइनिंग लीज आवंटित किए जाने का एक मामले पहले की सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुका है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख तय की है।
माइनिंग लीज आवंटन से संबंधित मामले पर याचिका अधिवक्ता और आरटीआइ एक्टिविस्ट सुनील कुमार ने दायर की है। इसी मामले को लेकर लंबे समय से सुनवाई चल रही है। आज हुई सुनवाई के बाद प्रार्थी की ओर रिजाइंडर दाखिल करने के लिए समय मांगा गया है। आज की सुनवायी के दौरान सरकार का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रखा है। दायर याचिका के अनुसार खान विभाग के मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज का आवंटन कराया है। वहीं, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन व उनकी बहन सरला मुर्मू की कंपनी सोहराई लाइवस्टोक प्राइवेट लिमिटेड के नाम चान्हो के बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ जमीन आवंटित किया गया। सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद (पिंटू) व सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को भी खनन लीज आवंटित हुआ है।
इसी मामले को लेकर पिछली सुनवाई एक मई को हुई थी। तब सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया जा सका। सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया। जिसके बाद अनुरोध पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की थी। आज सुनवाई में सरकार की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है। वहीं तीन अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को जवाब दायर करने का निर्देश दिया था।