रांची : ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी हैं। इसके बाद से पक्ष और विपक्ष इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।कोई इसे हितकारी और सराहनीय कदम बता रहा है तो कुछ इसे षडयंत्र और कुठाराघात।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी एक्स पर ‘वन नेशन वन इलेक्शन’पर प्रतिक्रिया दी है। हेमंत सोरेन ने लिखा कि “एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात है । यह हमारे देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने और राज्यों की स्वायत्तता को नष्ट करने का एक षड्यंत्र है।इस प्रस्ताव से लोगों की आवाज दबाई जायेगी और उनके मतदान के अधिकार का अपमान होगा। डिमोनेटाइजेशन की जन-विरोधी एवं असफल नीति की तरह ही यह कदम डी-डेमोक्रेटाइजेशन की तरफ धकेलने का प्रयास है। हम इस अलोकतांत्रिक कदम का पुरजोर विरोध करते हैं। एक अन्य पोस्ट में हेमंत सोरेन ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन क्षेत्रीय मुद्दों को खत्म करने की भाजपा की चाल है । यह देश के संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ पारंपरिक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था पर भी कुठाराघात है। झामुमो इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा।मालूम हो कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था ।समिति ने 191 दिन तक राजनीतिक दलों तथा विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिल गयी।इस प्रस्ताव पर मिश्रित प्रतिक्रिया लगातार प्राप्त हो रहा ।।
“वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर बोले मुख्यमंत्री एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात
Leave a comment
Leave a comment