L19 DESK : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार को राज्य के बिजली उपभोक्ताओं की जरूरतों के अनुरूप बिजली खरीदने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चाहे जितनी भी बिजली की जरूरत हो, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) खरीदे, आम लोगों को कोई कठिनाई न होने दे।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भीषण गर्मी के कारण बढ़ती बिजली की मांग को ध्यान में रखकर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम जनता को बिजली देना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है, इसलिए गर्मी में सरकार उन्हें परेशानी नहीं होने देना चाहती। उन्होंने ऊर्जा विभाग को इसके लिए अगले तीन महीने की प्लानिंग करने का भी निर्देश दिया है। इस संबंध में पूछने पर ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह झारखंड ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी अविनाश कुमार ने पुष्टि की।
जानकारी के अनुसार, गर्मी शुरू होते ही राज्य में लगभग 150 से 400 मेगावाट तक की बिजली की अतिरिक्त जरूरत पड़ रही है। बिजली की कमी के कारण कई क्षेत्रों में सामान्य आपूर्ति बाधित हो रही है। राजधानी रांची तक बिजली संकट के प्रभाव में आ जा गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद बिजली खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार, जेबीवीएनएल ने शुक्रवार को पावर एक्सचेंजों से 140 मेगावाट बिजली की खरीद की।
गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत अप्रैल में 2000 मेगावाट से 2700 मेगावाट तक पहुंच गई है। जबकि, जेबीवीएनएल के पास वर्तमान में 2200 से 2300 मेगावाट तक बिजली ही उपलब्धता है। करीब 400 से 500 मेगावाट और बिजली की जरूरत है। सीएम ने बिजली संकट को देखते हुए पतरातू पावर प्लांट के निर्माण का काम शीघ्र पूरा कराने का निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार, पतरातू पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन प्रारंभ हो जाने और अडाणी पावर से बिजली की आपूर्ति प्रारंभ हो जाने के बाद झारखंड बिजली जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर हो जाएगा।जेबीवीएनएल को विंड पावर से करीब 150 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही है। सोलर एनर्जी से भी 40 मेगावाट तक बिजली नहीं मिल रही है। बाढ़ से मिलनेवाली 80 मेगावाट बिजली भी नहीं मिल रही है।
गोड्डा में अडाणी पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। लेकिन, समझौते के अनुसार झारखंड को बिजली मिलना शुरू नहीं हुआ। इससे भी बिजली की समस्या को दूर नहीं हो रही है