L19/DESK : झारखंड में कुल आबादी का लगभग 70% जनसंख्या युवाओं की है यानी 40 साल से नीचे के लोग झारखंड में सबसे ज्यादा है। मतलब आप समझ रहे हैं ना मैं क्या कहना चाह रहा हूं? यही कि राज्य की राजनीति में युवाओं की भूमिका का कितना असर पड़ता है या पड़ेगा। बीते 4 सालों के दौरान झारखंड में रोजगार के नाम पर युवाओं के साथ धोखा हुआ है। ऊपर से राज्य के सबसे प्रतिष्ठित नौकरी की आस लगाए लाखों युवा खुद को ठगे ठगे महसूस कर रहे हैं।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि 2022 झारखंड के लिए खासकर यहां की युवाओं के लिए बहुत ही दर्दनाक गुजर रहा है क्योंकि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा जो 2016 से आयोजित की जा रही है जिसे 8 वर्ष में भी पूरा नहीं किया जा सकता है। बीते दिनों सीजीएल सीजीएल परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई है अब जेपीएससी में भी छात्रों के द्वारा पेपर लिख का मामला सामने लाया जा रहा है हालांकि इस पर जेपीएससी कार्यालय माउंट है और उनका कहना है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है जिससे हम माने की पेपर लिख हुई है।
खैर पेपर लीक होना नहीं होना यह तो आयोग की जिम्मेदारी है और आयोग ही इसकी जांच करके क्या सही है क्या गलत है बता सकती है लेकिन इस पेपर लिख मामले से युवा खास कर नाराज की जाता रहे हैं और उनके नाराजगी से कहीं झारखंड की पॉलिटिकल पर असर ना पड़ जाए जी हां आप जानते हैं आज के दौर में युवाओं की भूमिका राजनीति में कितनी बढ़ गई है अगर पूरे राज्य में डेढ़ करोड़ युवा हैं तो आप समझ सकते हैं यह यहां की पॉलिटिक्स को कितना प्रभावित कर सकते हैं समझ रहे हैं ना मैं क्या कहना चाह रहा हूं मेरे बातों को समझिएगा क्योंकि कहा भी जाता है युवा इस देश के भविष्य हैं आज की वह कल के राजनेता भी हो सकते हैं कल के प्रशासनिक अधिकारी भी हो सकते हैं और फैलना फैलना मतलब जहां भी जरूरत हो युवा आपको नजर आएंगे लेकिन जब इन युवाओं को ही आप खुश नहीं कर पाएगा तो आप कैसे राजनीति में आगे बढ़ पाएगा जी हां यह बहुत गंभीर मामला है क्योंकि बीते 5 सालों में राज्य सरकार के द्वारा जिस तरह से युवाओं को रोजगार के नाम पर सिर्फ झुनझुना थमाया गया है कहीं ना कहीं राज्य सरकार के लिए यह खत्री का घंटी बज रहा है 5 साल में एक जेपीएससी सिर्फ कंप्लीट हो पाई है सीजीएल का तो नाम भी नहीं लेना चाहिए गल तो झारखंड का सबसे विवादित सब्जेक्ट बन गया है इस पर तो आप लोगों को रिसर्च और पीएचडी करनी चाहिए कि आखिर गल क्यों नहीं हो पा रहा है।