L19 DESK : जनजातीय व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा की कुड़मी को आदिवासीयों का दर्जा देने का कोई मामला भारत सरकार के पास लंबित नहीं है। यहां जो लोग बोल रहे हैं, उनका खुद का विचार होगा। अभी राज्य सरकार का मामला है। बता दे की प्रधानमंत्री रोजगार मेला के बाद मुंडा पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे। इधर, कुड़मी को एसटी मे शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को आदिवासी कुड़मी समाज व वृहद झारखंड आदिवासी कुड़मी मंच का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात किया।
इस दौरान मुख्य सचिव को कुड़मी के इतिहास से संबंधित 480 पन्नों का दस्तावेज दिया गया। प्रतिनिधिमंडल की मांगों को सुनकर मुख्य सचिव ने कहा कि आपके मांग पत्र के संबंध में मुख्यमंत्री से विस्तृत चर्चा की जायेगी। इसके बाद सरकार इस दिशा में कोई पहल करेगी। मौके पर टीआरआइ के निदेशक रणेंद्र कुमार भी उपस्थित थे।
वार्ता के बाद बाहर निकले वृहद झारखंड आदिवासी कुड़मी मंच के संयोजक मंटू महतो ने कहा कि हम सभी कुड़मी जनजाति संगठित रहे तो असंभव कुछ भी नहीं है। चूंकि यह लड़ाई लंबी चलेगी. इसलिए एकजुटता से ही हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।
प्रेस कोन्फ़्रेंस मे ये रहे मौजूद
प्रतिनिधिमंडल में अजीत प्रसाद महतो पुरुलिया, मंटू महतो, हलधर महतो, चौधरी चरण महतो (धनबाद), दीपक पुरनियार, महादेव डुंगरीयार, पदमा प्रसाद महतो, छोटेलाल महतो, जयराम महतो, संतोष महतो, मुकेश महतो, शेखर महतो, संजय प्रसाद महतो, प्रभु महतो, जगेश्वर महतो, संजीव महतो, चन्द्रदेव महतो, कोलेश्वर महतो, कैलाश महतो, गंगा महतो, सुजीत कुमार, सचिन महतो, सौरव महतो, हेमचंद महतो, तुलसी महतो इत्यादि शामिल हुए।
वही रेल टेका आंदोलन के समाप्त होने के बाद आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी किये जाने व ऐसे लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने के मामले पर मुख्य सचिव ने कहा कि वे इस मामले पर डीजीपी से बात कर जल्द से जल्द इस मामले का हल निकालने का प्रयास करेंगे।