L19 DESK : भारत सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में ‘वन नेशन’ ‘वन इलेक्शन’ एक कमिटी का गठन किया है। इस संबंध में जल्दी ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। दरअसल केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र भी बुलाया है, जिसका एजेंडा अभी तक नहीं बताया है। लेकिन कयास लग रहे हैं कि शायद विशेष सत्र एक देश एक चुनाव को लेकर ही बुलाया गया है। हालांकि सरकार की ओर से अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। सरकार देश में ‘वन नेशन’ वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर गंभीर दिखाई दे रही है और इस पर बिल ला सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस पांच दिनों के विशेष सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता (UCC) और महिला आरक्षण विधेयक भी ला सकती है। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
बता दे पांच राज्यों में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके बाद अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव हैं, सरकार के इस कदम से आम चुनाव एवं कुछ राज्यों के चुनाव को आगे बढ़ाने की संभावनाएं भी खुली हैं, जो लोकसभा चुनावों के बाद में या साथ होने हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अभी इसकी जरुरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार पहले बेरोजगारी और महंगाई पर ध्यान दें। महंगाई चरम पर है और बेरोजगारी का हाल किसी से छिपा नहीं है। वहीं, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता अनिल देसाई ने इस मुद्दे पर कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव, चाहे जो भी अवधारणा हो, उसे विभिन्न राजनीतिक दलों के सामने रखने की जरूरत है और फिर विचार, योगदान, विचार-विमर्श और चर्चा होगी.’ और फिर फैसला आएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनावों को साथ कराए जाने का सुझाव दे चुके हैं। इसी संबंध में अब पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है, जो एक साथ चुनावों के संबंध में विचार करेगी। दरअसल इसी साल नवंबर और दिसंबर तक 5 राज्यों में चुनाव होने हैं। कयास यह भी लग रहे हैं कि यदि वन नेशन, वन इलेक्शन पर मुहर लगती है तो फिर ये चुनाव भी टाले जा सकते हैं और शायद यह भी लोकसभा इलेक्शन के साथ ही हों। एक चर्चा यह भी है कि इस बार लोकसभा के चुनाव ही कुछ महीने पहले कराए जा सकते है।