L19/DESK : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है। राज्य में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार की जांच कर रही जांच एजेंसियों के प्रति राज्य सरकार और उसके अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। केंद्रीय जांच एजेंसियां 2022 से राज्य के मुख्य सचिव के कार्यालय को पत्र लिख रही हैं और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध कर रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मनी लांड्रिंग के कुछ मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की तरफ से कई अनुरोध भेजे गए हैं, लेकिन उन पर ना कोई कार्रवाई हुई और न ही जवाब दिया गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामलों में उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दस से अधिक मामले लंबित हैं। जांच एजेंसियों को न तो कोई जवाब दिया गया है और न ही कोई कार्रवाई की गई है। खासकर उन मामलों में, जहां एजेंसियों द्वारा उक्त अनुरोध के साथ भारी सबूत उपलब्ध कराए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसे लेकर उन्होंने मुख्य सचिव के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी पत्र लिखा था, लेकिन दोनों में से किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। इससे यह साबित होता है कि राज्य सरकार सक्रिय रूप से आरोपी व्यक्तियों को बचा रही है। सरकार संविधान की मूल भावना के विपरीत कार्य कर रही है, जिसके कारण संवैधानिक तंत्र टूट गया है। उन्होंने राज्यपाल से मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा करने संबंधी अग्रेतर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।