L19 DESK : शिबू सोरेन की एक बहूरानी ने ही झारखंड भाजपा को राजनीतिक इतिहास के सबसे बूरे दौर में से एक में डाल दिया है. वहीं, अब भाजपा के लिए परेशानी बनने के लिए सोरेन परिवार की दूसरी बहूरानी, भाजपा नेता सीता सोरेन भी जल्द जेएमएम में घर वापसी करने वाली हैं. अब यह लगभग तय हो गया है कि सीता सोरेन जल्द ही जेएमएम में वापसी करेंगी. तभी तो हेमंत सोरेन सरकार की योजनाओं और उनके कामों की तारीख सीता सोरेन करने लगी हैं. इसके अलावा झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री, जेएमएम और हेमंत सोरेन के बेहद करीबी मिथिलेश ठाकुर ने भी ट्वीट कर सीता सोरेन का स्वागत कर दिया है. खैर, सीता सोरेन जेएमएम में वापसी क्यों कर रही हैं. बीजेपी ने भी चुनाव के बाद उन्हें दरकिनार क्यों किया और जेएमएम में सीता सोरेन की क्या भुमिका होगी.
शुरुआत में समझते हैं कि आखिर एक बार फिर सीता सोरेन के जेएमएम में वापसी की खबर क्यों सुर्खियों में है. दरअसल, भाजपा नेत्री सीता सोरेन गुरुवार यानी 6 मार्च को कतरास, एक शादी समारोह में पहुंची थी. शादी समारोह में शामिल होने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की, जहां उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार झारखंड में बेहतर काम कर रही है. सीता सोरेन ने कहा कि राज्य की योजनाएं सराहनीय है. वह हर क्षेत्र में काम कर रही है. वहीं, मंईयां सम्मान योजना की तारीख करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य में काफी लोकप्रिय है, इससे महिलाएं सबल हो रही हैं. आने वाले समय में राज्य सरकार इससे भी बेहतर योजनाओं पर काम करेगी. अब सोचिए विधानसभा के बजट सत्र में एक तरफ भाजपा के विधायक, झारखंड सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ सीता सोरेन बाहर सरकार की तारीख कर रही हैं. अब बात करते हैं कि आखिर भाजपा ने सीता सोरेन को चुनाव के बाद एकदम से दरकिनार क्यों कर दिया.
दरअसल, भाजपा ने सीता सोरेन को साबित करने के लिए लोकसभा और फिर विधानसभा दोनों ही चुनावों में मौका दिया. लेकिन सीता सोरेन को लोगों ने भगवा में पसंद नहीं किया. यानी भाजपा के सेंबोल के साथ सीता सोरेन की स्वीकार्यता नहीं के बराबर है. सीता सोरेन की पहचान उनके पति स्व. दुर्गा सोरेन और शिबू सोरेन की बहू के रूप में ज्यादा है. ऐसे में भाजपा के लिए सीता सोरेन आने वाले समय में भी कोई X फैक्टर साबित नहीं होती इसलिए भाजपा ने उन्हें दरकिनार कर दिया है. लेकिन यहां एक बात और समझने वाली है, भले ही सीता सोरेन की स्वीकार्यता लोगों में भाजपा नेता के तौर पर नहीं है लेकिन सीता सोरेन जैसे ही जेएमएम में शामिल होंगी उनकी स्वीकार्यता झारखंड के लोगों के बीच काफी बढ़ जाएगी. ऐसे में सीता सोरेन और उनकी तीन बेटियां भी भाजपा के लिए आने वाले समय में मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं.
ऐसे में अब देखना होगा कि सीता सोरेन की नाराजगी दूर करने की कोशिश भाजपा करती है या नहीं. और अगर, सीता सोरेन जेएमएम ज्वाइन करती हैं तो उन्हें पार्टी में क्या दायित्व देती है. खैर, सीता सोरेन और उनकी तीनों बेटियों के इससे पहले भी जेएमएम में जाने की बातें हो चुकी हैं, लेकिन उस समय वो पार्टी में शामिल नहीं हुई थी. ऐसे में अब देखना होगा कि सीता सोरेन जेएमएम में जाती है या नहीं. बाकी आपको क्या लगता है सीता सोरेन को भाजपा में ही रहना चाहिए या फिर उन्हें जेएमएम ज्वाइन कर लेना चाहिए.