L19/DESK : लोक सेवा आयोग के ज़रिए शिक्षकों की होने वाली बहाली और बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की इजाज़त देने के ख़िलाफ़ पटना में बीजेपी विरोध प्रदर्शन में पुलिस बलों द्वारा लाठी चार्ज किया है जिसमें एक कार्यकर्ता की मौत होने का दावा किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद देवेश कुमार ने दावा किया है कि लाठीचार्ज के बाद हुई भगदड़ में उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई है।
देवेश कुमार ने कहा, ‘‘हम लोग शांतिपूर्वक धरने पर बैठ गए हैं,हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन सरकार टकराव चाहती है,सरकार उकसा रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘अभी हमारे एक कार्यकर्ता की मृत्यु हो गई. उस पर लाठीचार्ज हुआ और भगदड़ में उसकी मृत्यु हो गई। दो साल पहले जदयू और बीजेपी की सरकार के दौरान जब तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल राजद पर हुए लाठीचार्ज के बारे में जब उनसे पूछा गया तो, देवेश कुमार ने कहा कि उस घटना से आज के लाठीचार्ज की तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि तब लाठीचार्ज इसलिए हुआ था कि राजद के कार्यकर्ता, दुकानदारों को लूट रहे थे।
इससे पहले गुरुवार को इस मुद्दे पर विधानसभा में खूब शोरगुल हुआ,बीजेपी के दो विधायकों जीवेश मिश्रा और इंजीनियर शैलेंद्र को सदन से मार्शलों ने बाहर निकाल दिया। ये हंगामा तब और बढ़ गया, जब पटना में बीजेपी के निकाले जा रहे मार्च पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। निकाले गए बीजेपी के दोनों नेताओं ने बाहर आते ही बिहार विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को निशाने पर लिया। जीवेश मिश्रा ने विधानसभा स्पीकर पर सत्ताधारी पार्टी के सदस्य के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए ये कहा कि अध्यक्ष ने हर बार किसी को मार्शल आउट करने की नई आदत सीख ली है।