L19 Ranchi : झारखंड में छात्रवृति में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। गुरुवार को महालेखाकार अनुप फ्रांसिस डुंगडुंग ने इसे लेकर पीसी की। उन्होंने बताया कि झारखंड में छात्रवृति के नाम पर छह जिलों में एक करोड़ रुपये का फर्जी स्कॉलरशिप का वितरण किया गया। यह फर्जी वितरण उन संस्थानों से भी कर दिया गया जिन्होंने न तो खुद को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत किया था और न ही पोर्टल पर लॉग इन करने के लिए उपयोगकर्ता प्रमाण-पत्र या क्रेडेंशियल प्राप्त किए थे। इस प्रकार, आवेदन सत्यापित करने वाले अधिकारियों की प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष भागीदारी के साथ फर्जी व्यक्तियों द्वारा छात्रवृत्ति की मंजूरी के लिए उपयोगकर्ता प्रमाण-पत्र और क्रेडेंशियल का दुरुपयोग किया गया।
एजी ने बताया कि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति धोखाधड़ी की जांच करने के लिए धनबाद जिले में बनाई गई एक जिला स्तरीय सरकारी समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में आवेदनों के फर्जी अनुमोदन में 9।99 करोड़ राशि का फर्जी वितरण किया गया। इसमें आवेदन सत्यापन करने वाले अधिकारियों की भूमिका रही। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और छात्रवृत्ति योजनाओं में लक्षित उद्देश्यों और डीबीटी के सापेक्ष प्रभाव को प्राप्त करने की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, छह चयनित जिला चतरा, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा, पलामू और रांची में ऑडिट के लिए डाटा एकत्र किया गया। इसका उद्देश्य लाभार्थियों का डाटा प्राप्त करना और डीबीटी के प्रबंधन का पता लगाना था।
इसमें 81 फर्जी लाभार्थियों को छात्रवृति के रूप में फर्जी तरीके से 5।20 लाख रुपए का वितरण किया है। ये लाभार्थी पांच जिलों से हैं। 365 अयोग्य छात्रों को छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति के रुप में 22।79 लाख रुपए वितरित कर दिये गये। झारखंड में पास आउट छात्रों को भी छात्रवृति दे दी गई। इसके एवज में 5।74 लाख रुपए का भुगतान किया गया। छात्रवृत्ति का भुगतान में ई-कल्याण योजना प्रबंधन सॉफ्टवेयर में कमी पाई गई। बिना दस्तावेजों की जांच किए बिना 663 लाभार्थियों को 43।77 लाख रुपए फर्जी तरीके से वितरित कर दिया गया। एजी ने बताया कि पेंशन योजना के लिए लाभार्थियों का पूरा डाटा बेस ही तैयार नहीं है। विभाग के पास भी लाभार्थियों का पूरा डाटा नहीं है।
इसकी जांच के लिए 29 फीसदी नमूने लिए गए, जिसमें अफसरों ने पेंशन देने में 864 दिनों तक पेंशन देने में देरी की। इस योजना में 2017 से 2021 का सोशल ऑडिट नहीं कराया गया। एजी ने कहा है कि राज्य सरकार को समय पर पेंशन भुगतान करना चाहिए। अल्पसंख्यक छात्रवृति योजना पर कहा कि अधिकारिय़ों के खिलाफ राज्य सरकार कार्रवाई कर सकती है। ई-कल्याण का आइटी ऑडिट कराने की भी बात कही है, जिससे खामियों को दूर किया जा सके। भारत सरकार के ई-एप्लिकेशन का एनइएसपी पोर्टल पर ट्रांसफर किया जाये।