L19 DESK : इन दिनों इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के मैच खेले जा रहे हैं। चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस, दिल्ली कैपिटल, गुजरात टाइटैंस, लखनऊ सुपर जायंट्स, सनराइजर्स हैदराबाद, किंग्स 11 पंजाब, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रायल्स सरीखी टीमें अपनी किस्मत आजमा रही हैं। क्रिकेट के इस मेगा इवेंट में जहां पांच हजार करोड़ से अधिक का दांव लगा रहता है, वहीं झारखंड के छोटे शहरों और कस्बों में सट्टेबाजी चरम पर है।
आइपीएल को लेकर गिरिडीह के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कोलकाता और जयपुर से आये सट्टेबाज सक्रिय हो गये हैं। जो टास से लेकर मैच के अंतिम ओवर फेंके जाने का सट्टा लगा रहे हैं। फेरी वाले से लेकर धनाढ्य तक असीमित आय की लालच में रोज पैसा लगा रहे हैं। प्रति दिन गिरिडीह में 75 लाख से एक करोड़ रुपये का दांव सट्टेबाजी में लग रहा है।
इस खेल में कोई एक ही झटके में सब कुछ गवां रहे हैं, तो कई मालामाल हो रहे हैं। पुलिस प्रशासन अब तक सट्टेबाजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शहर में आइपीएल के मैच के दौरान कई एजेंट सट्टा लगाने में मशगुल हैं, जिनका आपराधिक इतिहास रहा है। ये लोगों से पैसे की वसूली करते हैं और अपने आका तक पैसा पहुंचाते हैं। पूरा नेटवर्क ऑनलाइन चलता है, जिसमें लैपटॉप, मोबाइल, व्यायस रिकार्डर का उपयोग किया जाता है। बुकी के एजेंट सट्टा लगानेवालों से रकम लेकर उनकी आइडी बनाते हैं और उस आइडी से रकम डालते हैं।
दो हजार रुपये से आइडी खुलता है और 50 हजार तक की सट्टेबाजी हो रही है। सट्टे के इस धंधे में पंटर के जरिये (एदेंट) बुकी से बात करता है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोली जाती है। सट्टेबाज लंबी पारी, सेशन और छोटी पारी के आधार पर पहली गेंद से लेकर आखिरी गेंद तक बोली लगवाते हैं। गिरिडीह के चैताहीड, बुढियाखाद, बोडो, विशनपुर, बाजार समिति, पचंबा, तिरंगा चौक, बरवाडीह, डुमरी, इसरी बाजार, बगोदर, सरिया, बिरनी, गांवां, तिसरी, राजधनवार, देवरी, बेंगाबाद, गांडेय में सट्टेबाज पूरी तरह सक्रिय हो गये हैं।