L19 DESK : दिल्ली में बन रहे झारखंड भवन की गुणवत्ता पर सीएम की नाराजगी को लेकर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने तंज कसा है। मरांडी ने इस संदर्भ में सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में बन रहे झारखंड भवन की गुणवत्ता की जांच ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से करवाना चाहिए।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 1.5 साल पहले कांची नदी में पूल धंस गया था। तब भी सरकार ने जांच का जिम्मा वीरेंद्र राम जैसे भ्रष्ट अधिकारी को सौंपा था। इस मामले में अभी तक किसी तरह से कार्रवाई नहीं हुई। बता दें है कि सीएम इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में निर्माणाधीन झारखंड भवन का निरीक्षण किया और गुणवत्ता पर नाराजगी जताई।
सीएम हेमंत सोरेन ने सभी तल्लों का जायजा लिया
मंगलवार को सीएम हेमंत सोरेन ने निर्माणाधीन झारखंड भवन के सभी सात तल्लों का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ मुख्य सचिव सुखदेव सिंह भी थे। सीएम हेमंत सोरेन ने निर्माण कार्य में देरी के साथ-साथ गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका जांच कर 1 सप्ताह में रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन झारखंड भवन के कई क्षेत्रों में बदलाव के भी निर्देश दिए हैं। बाबूलाल मरांडी ने इसी खबर पर पलटवार किया है।
मुख्यमंत्री पर बाबूलाल मरांडी ने कंसा तंज
बाबूलाल मरांडी ने झारखंड भवन निर्माण पर मुख्यमंत्री की नाराजगी वाली बात पर तंज कसते हुए कहा कि सुनने में आया है कि “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी दिल्ली झारखंड भवन निर्माण कार्य में ख़राब गुणवत्ता को लेकर काफ़ी नाराज़ है। मेरा सुझाव है कि इस गुणवत्ता की जाँच इंजीनियर वीरेंद्र राम से करायी जाये। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्यों कि आज से लगभग डेढ़ साल पहले काँची नदी में पूल धँस गया था, तो आपकी सरकार ने इसकी जाँच का दायित्व वीरेंद्र राम जैसे महाभ्रष्ट अधिकारी को सौंपा था और आज तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।”
बाबूलाल ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन के करीबी लोग मनचाहे पैसे लेकर अपने मनचाहे लोगों की पोस्टिंग कराते हैं। उनको मनचाहा ठेका दिलाया जाता है। ठेकों पर मोटा कमीशन वसूला जाता है। बाद में भ्रष्ट अधिकारी निर्माण गुणवत्ता की जांच करते हैं।