l19/DESK : झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के लिये राजनीतिक पार्टियां अभी से ही तैयारियों में जुट चुकी हैं। चर्चा है कि सितंबर के पहले सप्ताह तक चुनाव की घोषणा हो जायेगी, और अक्टूबर में चुनाव शुरु भी हो जायेगा। इसे ध्यान में रखते हुए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा जीत के लिये रणनीति बनायी जा रही है। इस रेस में प्रदेश की भाजपा सबसे आगे चल रही है, जिसने अपना रोड मैप तैयार कर लिया है। कब जनआंदोलन करना है, कब राज्य सरकार के खिलाफ कार्यकर्ताओं को उतारना है, कब रैली करनी है, किन किन मुद्दों पर वर्तमान सरकार को घेरना है, ये सब लगभग तय हो चुका है।
बीते कई दिनों से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान औऱ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा झारखंड का दौरा कर रहे हैं। उन्हें विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने का कार्यभार सौंपा गया है। अभी तक चुनाव की घोषणा भले ही नहीं हुई हो, लेकिन प्रभारियों सहित राज्य की भाजपा के लिये चुनाव जैसे अभी से ही शुरु हो चुका है। बैठकें की जा रही हैं, कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया जा रहा है, विधानसभा सीटों के बंटवारे पर विचार विमर्श चल रहा है। इन बैठकों के जरिये अब एक रोडमैप तैयार हो चुका है। रोडमैप के अनुसार, अगस्त महीने से ही भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को धरातल पर उतारेगी। पूरे अगस्त महीने मे भाजपा जन-आंदोलन करेगी। 1 से 14 अगस्त तक महिला मोर्चा का प्रदर्शन होगा। ये प्रदर्शन महिला अत्याचार औऱ दुष्कर्म को लेकर सभी जिला मुख्यालयों में किया जायेगा। विस्तारित कमिटी की बैठक के बाद इस कार्यक्रम को लेकर जिलों में प्रवास की भी योजना बनेगी. इसके बाद अगस्त के अंतिम सप्ताह में भारतीय जनता युवा मोर्चा के के कार्यकर्ता रांची में बड़ी रैली करेंगे। इसमें एक लाख युवकों की भागीदारी का लक्ष्य रखा गया है। ये लोग रोजगार, नौकरी औऱ बेरोजगारी भत्ता को मुद्दा बनाकर वर्तमान सरकार को घेरने का काम करेंगे।
इसके अलावा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा आदिवासियों की बुनियादी समस्याओं को लेकर आंदोलन करेगा। एसटी मोर्चा ने कुछ महीने पहले माटी बेटी औऱ रोटी को लेकर पदयात्रा की थी। एक बार फिर से वह इन विषयों पर आदिवासी समाज को गोलबंद करते हुए आंदोलन करेगा। इसी तरह एससी मोर्चा, ओबीसी मोर्चा औऱ अल्पसंख्यक मोर्चा भी आंदोलन की रुपरेखा तय कर रहा है। ये निर्णय भाजपा की उच्च स्तरीय बैठक में लिये गये। पार्टी की ओर से कार्यकर्ताओं को ये निर्देश दिया गया है कि आम लोगों को अपने साथ जोड़ते हुए उनकी समस्याओं पर लगातार आंदोलन करें। बता दें कि युवा मोर्चा फिलहाल रणनीति के तहत राज्यभर के प्रखंडों और अंचलों में तालाबंदी का कार्यक्रम चला रहा है। युवा मोर्चा का मानना है कि प्रखंड और अंचल भ्रष्टाचार के पर्याय बनकर रह गये हैं। ज्यादातर आम लोग अपनी जरूरतों के लिये इन कार्यालयों में आते हैं, पर काम न होने के कारण वे चक्कर काटते रह जाते हैं।
वहीं, बीजेपी ने पहले से ही साफ कर दिया है कि संथाल परगना में डेमोग्राफिक चेंज को विधानसभा चुनावों में पार्टी बड़ा मुद्दा बनाएगी।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बांग्लादेशी घुसपैठ भाजपा का इस बार कोर एजेंडा है, जिसके तहत वह झामुमो कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार को घेरने का काम करेगी। पार्टी इसे लेकर लगातार हमलावर है. बीते दिनों पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। भाजपा का कहना है कि कई विधानसभा क्षेत्रों में 123 फीसदी तक वोटर लिस्ट में अप्रत्याशित रूप से वोटर्स की संख्या बढ़ी हुई पायी गयी। अब ये कैसे हुआ, इसकी जांच चुनाव आयोग से करने की मांग की है। अब आने वाले दिनों में देखना ये होगा कि हेमंत सरकार और उनकी पार्टी गठबंधन भाजपा के इस रोडमैप को क्या सफल होने से बचा पाती है। क्या बीजेपी के आरोपों का इंडिया गठबंधन काट निकाल पायेगी?