L19 DESK : शराब घोटाले मामले में मनी लॉड्रिग की जांच कर रही ईडी ने शनिवार को रायपुर के चर्चित शराब कारोबारी और इस व्यवसाय के किंगपिन माने जाने वाले अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया। अब छत्तीसगढ़ में अनवर ढेबर की गिरफ्तारी से झारखंड की शराब नीति को लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया है कि झारखंड इसका क्या असर होगा। झारखंड के उत्पाद सचिव और उत्पाद आयुक्तसे छतीसगढ़ ईडी ने 11 अप्रैल को पूछताछ किया था। इन अफसरों से छतीसगढ़ सिंडीकेट और झारखंड सरकार के सम्बंधकि जानकारी मांगी।
जानकारी के मुताबिक एक साल पहले छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) को ही झारखंड में नयी उत्पाद नीति लागू करने के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया था।सीएसएमसीएल की अनुशंसा पर मई 2022 में नयी उत्पाद नीति लागू की गयी थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट से जुड़े कई लोग और कंपनियां भी झारखंड आ गयीं एजेंसियों के द्वारा ही राज्य में खुदरा शराब दुकानों के जरिये विदेशी ब्रांड के शराब उपलब्ध कराये गए।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात रायपुर के एक होटल में ईडी की टीम ने दबिश दी थी। इस दौरान अनवर ढेबर से ईडी ने पूछताछ किया। इसके बाद अनवर ढ़ेबर को ईडी ने आज शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। ईडी को अनवर ढ़ेबर के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे। जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर शहर के कुछ कारोबारी ने शराब से अवैध कमाई की थी। अनवर ढ़ेबर के भाई महापौर एजाज ढेबर से भी ईडी की टीम पुछताछ कर रही है।
29 मार्च को ईडी की टीम ने छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर सहित 17 ठिकानों पर छापामारा था। यह छापेमारी रायपुर महापौर एजाज ढेबर, उसके भाई अनवर ढेबर के घर, दफ्तर और होटल के साथ ही सिविल लाइन स्थित आईएएस अनिल टुटेजा के घर, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, सुरजीत सिंह भाटिया, गुरजीत सिंह और इस ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों के ठिकानों और दुर्ग के हिस्ट्रीशीटर एवं होटल कारोबारी विनोद बिहारी के साथ ही उनके कुछ करीबी लोगों के ठिकानों पर की गई थी। तलाशी में लेनदेन के दस्तावेज जमीन के पेपर्स और चल-अचल संपत्तियों की जानकारी मिली थी।