L19 DESK : क्या झारखंड की सत्ता में बैठी इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक चल रहा है? कांग्रेस और जेएमएम में कोई टकराव नहीं है? क्या कांग्रेस, जेएमएम पर किसी चीज को लेकर दबाव बना रही है? और आखिर बजट सत्र से पहले झारखंड कांग्रेस के तमाम विधायकों को दिल्ली क्यूं बुला लिया गया है. झारखंड कांग्रेस के मंत्री समेत तमाम विधायक आज यानी पांच फरवरी को दिल्ली के लिए निकल रहे हैं. इसकी विधिवत सूचना भी सभी विधायकों और मंत्रियों को दे दी गई है. पांच को दिल्ली और फिर छह को राहुल गांधी और मल्लिकाअर्जुन खड़गे से मुलाकात के क्या मायने हैं, उस पर भी बात करेंगे. लेकिन दिल्ली जाने से एक दिन पहले यानी 4 फरवरी को झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कैशव महतो कमलेश और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर राज्य सरकार से जातीय जनगणना के लिए बजटीय प्रविधान की मांग उठाई है.
दरअसल, जेएमएम-कांग्रेस में सबकुछ ठीक है कि नहीं ये सवाल इसलिए भी उठाए जा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस के नेता हेमंत सोरेन से जातीय जनगणना कराने को लेकर नई सरकार बनने के बाद दूसरी बार मुलाकात कर चुके हैं. कांग्रेस के तमाम बड़े नेता लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान जातीय जनगणना की बात प्रमुखता से उठाते रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस, राज्य सरकार से जातीय जनगणना के लिए बजटीय प्रविधान की मांग कर रही है. हालांकि, जेएमएम भी जातीय जनगणना कराने की पक्षधर रही है. इसी मांग को लेकर 4 फरवरी को झारखंड कांग्रेस से जुटे कई बड़े नेता हेमंत सोरेन से मुलाकात करने सीएम आवास पहुंचे थे.
अब हेमंत सोरेन से मुलाकात के अगले दिन झारखंड कांग्रेस के तमाम मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली बुला लिया गया है. ऐसे में यह सवाल उठने शुरू हुए कि क्या जेएमएम-कांग्रेस में सबकुछ ठीक है या नहीं? हमें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार झारखंड में इंडिया गठबंधन के सभी दल एकजुट हैं.
दरअसल, झारखंड कांग्रेस के सभी विधायकों को दिल्ली आलाकमान से मुलाकात करने के लिए बुलाया जा रहा है. झारखंड में सरकार बनने के बाद राहुल गांधी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह के लिए रांची जरूर पहुंचे थे, लेकिन उस वक्त सभी विधायकों से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी, ऐसे में अब छह फरवरी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से सभी की मुलाकात होगी. इस दौरान झारखंड के विधायक और मंत्री, कांग्रेस आलाकमान को राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे. नई सरकार गठित होने के बाद सभी विधायकों के साथ आलाकमान की यह पहली मुलाकात भी होगी.
कांग्रेस आलाकमान, जब झारखंड कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात करेंगे तब उनसे दो महीनों के कामकाज का ब्योरा लिया जाएगा. मंत्रियों के अलावा विधायकों से भी उनके क्षेत्र को लेकर फीडबैक लिए जाएंगे. सभी की उपस्थिति बैठक में अनिवार्य की गई है. राज्य सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर के निर्देश पर आलाकमान से मुलाकात निर्धारित की गई है. चुनाव संपन्न होने के बाद मंत्रियों समेत सभी विधायकों की मुलाकात शीर्ष नेतृत्व से नहीं हुई है. इस दौरान राज्य से संबंधित सुझाव भी दिए जाएंगे. कुल मिलाकर यह पार्टी की बैठक है, जिसमें झारखंड कांग्रेस के विधायक और मंत्री अपने दो महीने के कार्यकाल का ब्योरा देंगे और आने वाले समय में आगे और क्या किया जाएगा, इस पर सुझाव लिए जाएंगे.