L19/Ramgarh : रांची राजधानी के बाद अब रामगढ़ में राधाकृष्ण मठ की 17.18 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन फर्जी दस्तावेज के आधार पर कर दिया गया है। रामगढ़ थाना क्षेत्र के कुन्दरूखुर्द मौजा में स्थित भूखंड के कुल 35 प्लॉट बेचे गए हैं। इसकी कीमत करोड़ों रुपए में है। पता चला कि जिस मठ के भूखंड को बेचा गया है, उसकी म्यूटेशन अर्जी को रामगढ़ के अंचलाधिकारी ने रद्द कर दिया था। इसके बावजूद रामगढ़ की डीसी माधवी मिश्रा ने सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए जमीन खरीदने वालों के पक्ष में फैसला दे दिया। इस फर्जीवाड़े की शिकायत गांव में रहने वाले पंकज महतो ने रजरप्पा थाना में मार्च महीने में की है। पर, अबतक आवेदन पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
सीओ ने जांच के बाद एसडीओ को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। लिखा था कि रामगढ़ अंचल के मौजा कुन्दरूखुर्द में स्थित 17.18 एकड़ जमीन का दस्तावेज देखने से यह पता चल है कि मूल पेज को बदल कर नया पेज जोड़ा गया है। भू माफियाओं ने अंचल कर्मियों के साथ मिलकर जमीन हड़पने की नियत से राधाकृष्ण मठ का नाम हटाकर राजस्व पंजी टू में बाढ़ो साई वगै. का नाम अंकित कराया है। वर्ष 2004-05 और वर्ष 2012-13 में राधाकृष्ण वगै. के नाम से लगान रसीद भी जारी की गई है। इसलिए, दाखिल खारिज का दावा मान्य नहीं है। इसके बाद भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने भी जमाबंदी पर सवाल उठाया था।जमीन के म्यूटेशन के लिए खरीदारों ने डीसी रामगढ़ के यहां अपील की। डीसी ने क्रेताओं के पक्ष में फैसला दिया।
डीसी ने लिखा- सीओ रामगढ़ ने बताया है कि जमीन की जमाबंदी पहले राधाकृष्ण वगै. के नाम से थी, लगान भी निर्गत है। पंजी 2 देखने से प्रतीत होता है कि मूल पेज को बदलकर नया पेज जोड़ा गया है। भू-माफिया द्वारा राधाकृष्ण मठ के नाम से राजस्व पंजी2 के पेज को हटाकर बाढ़ो साई वगै. के नाम से अंकित किया गया है। पर, सीओ ने यह नहीं बताया है कि खतियान में जब जमीन पहले मुरली साहू वगै. के नाम से थी, तो उसका हस्तांतरण मठ के नाम पर कैसे हुआ। भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने भी इसकी जानकारी नहीं दी। रिवीजन कर्ता के दस्तावेज से यह स्पष्ट है कि जमीन की पहले भी अंचल अधिकारी द्वारा दाखिल खारिज की गई है। इस परिस्थिति में रिवीजन आवेदन स्वीकृत किया जाता है।
शिकायतकर्ता पंकज महतो ने कहा कि मठ की जमीन पर तीन साल से माफिया की नजर थी। मैंने थाने में शिकायत की है, पर प्राथमिकी दर्ज नहीं हो रही है। इस मामले की ईडी जांच करेगा तो फर्जीवाड़े में शामिल पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश हो जाएगा।जमीन खरीदार अंकित पोद्दार ने कहा कि खरीद बिक्री में गड़बड़ी नहीं हुई है। शिकायतकर्ता हमसे पैसे वसूलने के लिए विवाद खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने थाने में शिकायत की है, पर सुनवाई के दौरान आते नहीं हैं। कागज भी नहीं दिखाते हैं। जांच चल रही है, सब साफ हो जाएगा।