L19 DESK : भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल1 अपने लक्ष्य की ओर लंबा सफर तय कर चुका है। मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी ने एक इंटरव्यू में बताया कि आदित्य एल 1 अब पृथ्वी से 10 लाख किमी दूर चला गया है, और जनवरी के पहले सप्ताह में ही यह अपने लक्ष्य तक पहुंच जायेगा। बकौल निगार, “हम पहली बार एल1 पर जा रहे हैं। यह एक ऐसा काल्पिनिक प्वाइंट है, जहां धरती और सूर्य दोनों का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है। ऐसे में स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूर्य के बीच संतुलन बनाना होता है जो कि चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। यह उसी तरह है, जैसे कि पर्वत के शिखर पर किसी गेंद को बैलेंस करना।”
वहीं, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऐस्ट्रोफिजिक्स की डायरेक्टर डॉ. अन्नापूर्णी सुब्रमण्यम ने सूर्य पर अध्ययन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह मिशन सूर्य के कोरोना के तापमान और ऊर्जा के साथ ही इसके गर्म होने की प्रक्रिया और मास इंजेक्शन के बारे में अध्ययन करेगा। इसके अलावा, सोलर विंड ग्रहों को प्रभावित करती है। इसके बारे में अध्ययन करना जरूरी है ताकि ये पता चल सके कि आखिर इसका प्रभाव कैसे पड़ता है।
बता दें, एल1 प्वाइंट की दूरी पृथ्वी से 15 लाख किमी की है जहां तक आदित्य मिशन को जाना है। हालांकि, आगे का 5लाख किमी का रास्ता बेहद सावधानी से तय करना है। पृथ्वी और सूर्य दोनों की ओर से लगने वाले गुरुत्वाकर्षण को बैलेंस करके आगे का सफर तय करना होगा। गौरतलब है, इससे पहले इसरो ने चंद्रयान को चांद पर भेजा था। पृथ्वी से चांद की दूरी 3 लाख 84 हजार 400 किमी के करीब है। ऐसे में सूर्य मिशन अब तक चंद्रयान से 4 गुना ज्यादा दूरी तय कर चुका है।