L19/Sahibganj : साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर चल रहे अवैध खनन मामले में फिर से एक नया मोड़ आया है। पहले ईडी के गवाह बने विजय हांसदा ने रिट याचिका को लेकर कह दिया कि ये किसी औऱ ने उनके नाम पर दायर की है, और इस बार तो वो ईडी के लिये गवाही देने को लेकर कह रहे हैं कि ईडी ने उन्हें डरा धमका कर गवाही ली थी। अब क्या था पूरा मामला ये समझते हैं।
दरअसल, साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड के एक गाँव भवानी चौक के करीब में ही नींबू पहाड़ है, जिसे लेकर यह हंगामा खड़ा हुआ है। यह अवैध खनन मामला पहले केवल ईडी के हाथ में था, मगर अब सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है। इस नींबू पहाड़ पर अवैध रुप से माइनिंग की जा रही थी। माइनिंग के कारण आय़े दिन यहां विस्फोट हो रहे थे जिससे आस पास के गांव घरों में दरारें आ जा रही थी। इसे देखते हुए गांव के प्रधान रहते हुए विजय हांसदा ने गांव वालों के साथ उस पहाड़ पर जाकर अवैध खनन बंद करने को कहा। मगर इस अवैध खनन को अंजाम देने वालों ने सरकारी बॉडीगार्ड्स के बलबूते सभी को वहां से खदेड़ दिया।
इसके बाद उन्होने थाने में एक लिखित शिकायत दी। इस शिकायत में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, दाहु यादव, बच्चू यादव, संजय यादव औऱ सुभाष मंडल के खिलाफ नींबू पहाड़ पर अवैध माइनिंग करने औऱ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया। इसके साथ ही पंकज मिश्रा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विधायक प्रतिनिधि होने के नाते पॉलिटिकल पावर का इस्तेमाल करने और जिले के अधिकारियों का संरक्षण लेने का भी आरोप लगाया गया। मगर पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज नहीं की। तब विजय हांसदा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
इसी बीच जब मामले पर ईडी की जांच शुरु हुई, तो विजय हांसदा ने ईडी का समर्थन करते हुए गवाही दी। उन्होंने पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों पर अवैध खनन मामले को अंजाम दिये जाने को लेकर अपना बयान दर्ज कराया। मगर इसी बीच उन्हें किसी दूसरे केस में आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। कहा जाता है कि ये अवैध खनन करने वालों की सोंची समझी साजिश थी। मगर जेल में रहते हुए भी उन्होंने एक रिट याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने पुलिस की जांच पर संदेह जताते हुए मामले को स्वतंत्र एजेंसी के हवाले सौंपने की मांग की। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह मामला अब सीबीआई को सौंप दिया।
अब आता है केस में एक नया मोड़। विजय हांसदा ने जेल से छुटने के बाद याचिका दायर करने की बात को गलत बता दिया। कहा कि कोर्ट में उन्होंने कोई याचिका दायर नहीं की थी, उनके जेल में रहने के दौरान किसी ने उनके नाम पर ये याचिका दायर की है। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को वापस न लेते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया। अब जब सीबीआई की जांच चल रही है, तब फिर से विजय हांसदा का दोहरा चेहरा दिख रहा है। इस बार वह ईडी को दिये बयान से ही मुकर रहे हैं। कह रहे हैं कि ईडी ने उन्हें डरा धमका कर बयान लिया था। अब इस सिलसिले में ईडी उन्हें क्रॉस इग्जामिन करेगी। क्रॉस इग्जामिनेशन में पूछताछ के दौरान बनाये गये वीडियो के इस्तेमाल किये जाने की भी संभावना जतायी जा रही है।