L19 : झारखंड हाईकोर्ट रांची में जलस्रोतों पर अतिक्रमण को लेकर गंभीर है । इनमें तालाब, नदी और डैम शामिल हैं । हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि 30 साल पहले रांची में कितने तालाब थे । रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण एवं रांची शहर के बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर दाखिल विभिन्न जनहित याचिकाओं की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई । मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से रांची के जलाशयों को लेकर कोर्ट के निर्देश के अनुपालन पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है । कोर्ट ने मामले की सुनवाई 22 मार्च निर्धारित की है.
सुनवाई के बाद खंडपीठ ने रांची नगर निगम से भी पूछा है कि उसने निगम के मैनपावर बढ़ाने के लिए – क्या कदम उठाए हैं. रांची नगर निगम में कितनी नियुक्तियां की गई है एवं कितनी और नियुक्तियां की जानी है । इन सभी पर नगर निगम से कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है । प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने पैरवी की ।
हाईकोर्ट को बताया गया है कि वर्ष 1928 और 1932 में रांची शहर का नक्शा रिवाईज हुआ था । पूरे राज्य में करीब 10 हजार तालाब हुआ करते थे । अब मात्र 7,860 तालाब ही बचे हैं। 1928 में रांची जिले में करीब 900 तालाब हुआ करते थे । अब मात्र 280 ही बचे हैं. 900 में से 270 तालाब रांची शहरी क्षेत्र में थे । अभी मात्र 42 तालाब बचे हैं. शहर के कई क्षेत्रों से निकलने वाली नालियों का पानी इन तालाबों में जमा हो रहा है । इन आंकड़ों को देखने के बाद हाईकोर्ट और सख्त हो गया है ।
जलस्रोतों पर अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट
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