L19/Ranchi : सेना के कब्जेवाली जमीन की गलत जमाबंदी तथा खरीद बिक्री करने का मामला उजागर होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय का फोकस राज्य में हुए जमीन घोटाले की तरफ बढ़ गया है। प्रति दिन इडी के क्षेत्रीय कार्यालय में फरियादियों की लंबी भीड़ उमड़ रही है। अधिकतर लोगों की शिकायत है कि उनकी पुश्तैनी जमीन को अंचल कार्यालय के संबंधित अंचल अधिकारी, हल्का कर्मचारी, अवर निबंधक कार्यालय के रजिस्ट्रार, भूमि माफिया गलत तरीके से बेच चुके हैं।
शुक्रवार देर शाम तक ऐसा ही नजारा इडी के दफ्तर में रहा। इडी की तरफ से फरियादियों की सुविधा के लिए एक फारमैट तैयार किया गया है। इसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने के अलावा जमीन का पूरा ब्योरा, गलत तरीके से खरिद-बिक्री करनेवालों का नाम, यदि जमीन का डीड, खतियान अथवा अन्य दस्तावेज हों, तो उसे संलग्न करने को कहा जा रहा है। इडी सभी शिकायतकर्ताओं का बयान दर्ज कर उन्हें एक तय सीमा पर कार्रवाई करने का भरोसा दे रही है।
वर्तमान में बड़गाई, कांके, नामकुम, नगड़ी और रातू अंचल की शिकायतों पर अधिक तेजी से कार्रवाई हो रही है। शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर संबंधित व्यक्तियों को समन की जा रही है। राजधानी रांची में खुद भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने 10 हजार करोड़ के भूमि घोटाले की बातें कही हैं। उन्होंने कहा है कि कैसे रसूखदार, राजनेता अपने परिवार के नाम पर रांची में जमीन, अपार्टमेंट तथा अन्य चल अचल संपत्ति अर्जित कर रहे हैं। इसमें अवर निबंधक कार्यालय रांची, अवर निबंधक कार्यालय हिनू, अवर निबंधक कार्यालय मोरहाबादी, अवर निबंधक कार्यालय बड़गाई के रजिस्ट्रार भी निशाने पर हैं।
इन अंचलों के बारे में शिकायतों की लंबी फेहरिस्त इडी दफ्तर में पहुंच चुकी है। खुद सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी जमीन घोटाले के तथ्यों को खंगाल रहे हैं। रांची में हुए एसोटैक इंफ्रा, कांके के ओयना में ट्राइबल जमीन पर बन रही 50 करोड़ की डायमंड सिटी, अरगोड़ा से कटहल मोड़ जानेवाले रास्ते में एनके कंस्ट्रक्शन की ओक रेसिडेंसी तथा अन्य परियोजनाओं पर इडी की नजर है। इतना ही नहीं कटहल मोड़ से दलादिली तक जानेवाली सड़क के दोनों ओर की कई प्लाटों पर भी इडी की नजर है।
पुनदाग मौजा की भी पहुंच रही हैं शिकायतें। इडी के पास नगड़ी अंचल के पुनदाग मौजा की शिकायतें भी पहुंच रही हैं। खास कर संजीवनी बिल्डकोन घोटाले की जमीन के कागजात भी इडी तक पहुंच गये हैं। इसमें तत्कालीन सीओ रहे केके राजहंस, हल्का कर्मचारी रहे शशिभूषण सिंह समेत सात अन्य आरोपियों के कनेक्शन को भी खोजा जा रहा है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जा सकती है।