L19 DESK : राजधानी रांची में हुए सेना की जमीन के अवैध खरीद बक्री मामले को आरोपी विष्णु अग्रवाल और अन्य सलटाने में लगे हुए हैं। ये सेना की जमीन यानी 4.55 एकड़ के अलावा दूसरा मामला है। इसमें रैयत उमेश गोप की पुश्तैनी जमीन को गलत डीड के आधार पर बेचने का आरोप लगा है। इसको लेकर अब थाने में दर्ज प्राथमिकी को समाप्त करने की कोशिशें तेज हो गयी हैं। बिल्डर और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल के करीबी शख्स पंकज सिंह नामक व्यक्ति पूरे मामले पर थाने से लायजनिंग कर रहे हैं। यहां तक की शिकायतकर्ता को भी मैनेज करने को कोशिशें चल रही हैं। एक तो विष्णु अग्रवाल ने गलत तरीके से एक एकड़ जमीन का गलत डीड बनवाया. इतना ही नहीं बड़गांई अंचल के अंचल अधिकारी मनोज कुमार ने बगैर किसी कागजातों को देखते हुए दाखिल-खारिज भी कर दिया।
अंचल अधिकारी मनोज कुमार ने दाखिल खारिज स्लीप में यह लिखा है कि खाता 28 की जमीन पर उमेश गोप की आपत्ति भी आयी थी। इस संबंध में विष्णु अग्रवाल से संपर्क भी करने की कोशिश की गयी। उनका जवाब मिला, कोई केस सदर थाने में पेंडिंग नहीं है। आपको अधिक जानकारी चाहिए तो हमारे ऑफिस आइये. हमने जो जमीनन ली है, वह सही है. वैसे भी विष्णु अग्रवाल इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। सिंह मोड़, तुपुदाना से आगे बसारगढ़ में भी 10 एकड़ गैर मजरुआ आम जमीन पर जबरन बाउंड्री कर गेट लगवा दिया है। इडी को भी इसकी शिकायत की गयी है। इस जमीन की जमाबंदी के पीछे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सबसे भ्रष्ट कर्मियों का हाथ भी है।
क्या है पूरा मामला
व्यवहार न्यायालय में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी केके मिश्रा की अदालत ने शिकायतवाद संख्या 3111 ऑफ 2021 के आधार पर सदर थाने में विष्णु अग्रवाल समेत अन्य आरोपियों पर आइपीसी की धारा 156 (3) के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसमें शिकायतकर्ता उमेश गोप की शिकायत पर सदर थाने में 399 ऑफ 2022 के तहत राजेश राय (पिता-जगदीश राय), इम्तियाज अहमद (पिता अब्दुल बरकत मल्लिक), भरत प्रसाद (पिता-मंगल महतो), लखन सिंह (पिता कालिराम सिंह), पुनीत भार्गव (पिता पांडेय लक्ष्मी नारायण शर्मा और विष्णु अग्रवाल (पिता चिरंजी लाल अग्रवाल) के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी। इन आरोपियों पर आइपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 447, 324, 341, 504 और 34 लगाया गया है।
शिकायत में कहा गया है कि राजेश राय ने फरजी दस्तावेजों के आधार पर पुनीत भार्गव को उनकी पुस्तैनी जमीन के एक एकड़ बेच दी। इसमें अंचल के अधिकारी मनोज कुमार और हल्का कर्मचारी भानू प्रकाश की भूमिका संदिग्ध है। गाड़ी मौजा के प्लाट नंबर 28 की जमीन चेशायर रोड, बरियातू में है। इस जमीन पर कई दिनों से कब्जा करने की नीयत से कुछ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग रहा था। जमीन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सा खुला रहने की वजह से जमीन के बिचौलिये बार-बार यहां आते रहते थे। शिकायत कर्ता का कहना है कि वे असली रैयत हैं, जबकि पुनीत भार्गव ने गलत डीड बनवाकर कुछ ऐसे दस्तावेज संलग्न किये हैं, जो आजादी के पहले का है।
इस जमीन पर एक टाइटल सूट 167 ऑफ 2021 भी चल रहा है, जबकि इस जमीन को पहले पुनीत भार्गव को बेचा गया, बाद में पुनीत भार्गव ने विष्णु अग्रवाल को जमीन बेची। विष्णु अग्रवाल ने 43-43 डिसमिल की दो डीड बनवाकर जमीन की रजिस्ट्री करायी. पुनीत भार्गव को जिस डीड के जरिये जमीन बेची गयी, उसमें यह दिखाया गया कि पुनीत भार्गव के पिता जगदीश राय ने 21 जनवरी 1948 को सेल डीड के माध्यम से जमीन ली। रांची शहर अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी ने पंजी-2 में 31 मार्च 1973 को जगदीश राय का नाम चढ़ाया। इसके बाद 19 अक्तूबर 2020 को फिर पुनीत भार्गव को जमीन बेची गयी और 10.12.2012 से लेकर 25 अगस्त 2020 तक का लगान रसीद और दाखिल खारिज एक साथ करते हुए करेक्शन स्लीप जेनरेट कर दिया गया। यह गड़बड़ है।