L19/Ranchi : ईसाई समुदाय में क्रिसमस के बाद दूसरे सबसे बड़े त्यौहार के रूप में ईस्टर मनाया जाता है। ईस्टर गुड फ्राइडे के तीसरे दिन रविवार को मनाया जाता है और ईसाई संप्रदाय की मान्यता है कि तीसरे दिन यानी रविवार को प्रभु यीशु मसीह फिर से जीवित हुए थे, इसी खुशी में पूरे विश्व में ईसाई समुदाय इस दिन को ईस्टर डे के रूप में सेलिब्रेट करती है। इस बार 9 अप्रैल कोई ईस्टर संडे का समय तय हुआ है।
ईसाई समुदाय आखिर कैसे मनाता है ईस्टर संडे?
ईस्टर संडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरो में जाते हैं और प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं।उनकी याद में गिरजाघर में मोम बत्तियां जलाई जाती है,लोग बाइबल पढ़ते हैं प्रभु यीशु मसीह के जीवित होने की खुशी में एक दूसरे को बधाई देते हैं।इसके बाद शाम में लोग अपने अपने घरों में जलपान कर खुशियां मनाते हैं।
एक मान्यता के अनुसार ईस्टर संडे के दिन लोग एक दूसरे को अंडों से सजा हुआ गिफ्ट अंडे एक दूसरे को पदेते हैं, उनकी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि अंडे अच्छे दिनों की शुरुआत और नए जीवन का संदेश देती है। दरअसल ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि अंडे में जिस तरह एक नया जीवन उत्पन्न होता है वह लोगों को नई शुरुआत का संदेश देता है।