L19 DESK : भारतीय मूल के छात्र करण कटारिया ने लंदन स्थित कॉलेज लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के ऊपर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। करण के अनुसार, परिसर में धर्म और भारत विरोधी बयानों के खिलाफ बोलने के आधार पर भेदभाव किया जाता है। इस बात की जानकारी खुद वकील करण कटारिया ने रविवार 2 अप्रैल को ट्विटर के ज़रिए दी।
ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें “हिंदू राष्ट्रवादी” होने के वजह से महासचिव के पद के लिए चुनाव लड़ने नहीं दिया गया। उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे भारत के पक्ष में बयान देने और हिंदूफोबिया के कारण व्यक्तिगत रूप से टारगेट किया गया है। मेरी मांग है कि कॉलेज इस संबंध में सही फैसला सुनाये। उन्होंने यह भी कहा कि मैं इस हिंदूफोबिया का शिकार नहीं बनूंगा और न ही चुप रहूंगा।
आखिर कौन हैं करण कटारिया?
भारतीय मूल के छात्र करण कटारिया लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं। वह इस समय एलएसई कैंपस से स्नाकोत्तर कर रहे हैं। इसके साथ ही, वह एलएसई के जनरल सेक्रेटरी ऑफ स्टूडेंट्स यूनियन के वकील भी हैं।
कटारिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक स्टेटमेंट साझा कर लिखा कि उन्हें कोहोर्ट के अकादमिक प्रतिनिधि के तौर चुना गया। साथ ही, वह छात्रों के लिए राष्ट्रीय संघ के एक प्रतिनिधि के तौर पर भी चयनित किये गये थे। करण के मुताबिक, महासचिव का चुनाव लड़ने के लिए उनके दोस्तों ने ही प्रेरित किया था। मगर कुछ लोग छात्र संघ का नेतृत्व करने के लिए एक भारतीय-हिंदू को नही देख सके। इस कारण से उनकी छवि खराब की गयी। यह चीजें सामाजिक समुदायों को उखाड़ रही हैं।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में लोकतांत्रिक मूल्यों तथा विविधता का सम्मान होना चाहिए: ABVP
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्र करण कटारिया के साथ लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में होने वाले भेदभाव पर प्रतिक्रिया दी है। परिषद ने दुर्भावनापूर्ण व्यवहार तथा भारतीय पहचान के कारण प्रताड़ित किए जाने की घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
अभाविप का स्पष्ट मत है कि छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में महत्वपूर्ण हितधारक मानते हुए उनके मतों को गंभीरतापूर्वक जगह दी जानी चाहिए। साथ ही, विविधता व सभी मतों को सम्मान तथा लोकतांत्रिक व मानवीय सरोकारों के अनुरूप गतिविधियां संचालित होनी चाहिए।
इस संबंध में अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भारतीय छात्र के साथ उनकी राष्ट्रीयता तथा वैचारिकी के लिए दुर्भावनापूर्ण व्यवहार तथा प्रताड़ित किया जाना निंदनीय है। ऐसे शैक्षणिक संस्थान को किसी भी छात्र के साथ उसकी वैचारिकी, पसंद-नापसंद या राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव न हो, यह सुनिश्चित करना चाहिए।