L19/Chatra : चतरा में एक नवजात शिशु को ममता के छांव से दूर कर चंद रुपयों के लिए बेचने का मामला सामने आया है। इस घिनौने काम को अंजाम देने वाले आरोपियों को बोकारो पुलिस और चतरा पुलिस ने बुधवार को संयुक्त अभियान के ज़रिए धर दबोचा है। इस मामले में नवजात शिशु को खरीदने वाले माता-पिता सहित 3 मिडियेटरों को थाना लाकर पूछताछ की गई।
क्या है पूरा मामला
शिशु और उसकी मां आशा देवी चतरा स्थित सदर थाना क्षेत्र के दीभा महल के निवासी हैं। आशा देवी का कहना है कि उन्होंने चतरा के सदर अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद एक सहिया ने बच्चे को उसके गोद से लेकर एक दंपत्ति को बेच दिया। इसके लिए सहिया ने उनसे रुपए नहीं लिये।
वहीं, नवजात को खरीदने वाले माता-पिता का कहना है कि उन्होंने इस बच्चे को ₹450000 रुपए में खरीदा है। जानकारी के अनुसार, ये दंपत्ति हजारीबाग के बिष्णुगढ़ स्थित बड़का गांव के रहने वाले हैं। उनकी केवल 3 बेटियों के होने के वजह से उन्होंने इस बच्चे को खरीदा ताकि वह पढ़ लिख कर उनके अनुरूप बने। साथ ही अपने मां-बाप को बुढ़ापे में सहारा दे सके।
बुधवार को आरोपियों की सूचना मिलने पर चतरा पुलिस बोकारो जिले के हरला थाना पहुंची। हरला पुलिस और चतरा पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत बोकारो के एक मेडिएटर को बसंती मोड़ से पकड़ लिया गया। इससे पहले दो अन्य को पलिस चतरा से ही धर दबोचने में सफल रही। वहीं, बच्चे को खरीदने वाले दंपत्ति को बच्चे के साथ बोकारो के हरला थाना क्षेत्र से बरामद कर थाने लाया गया। इसके बाद चतरा पुलिस इनकी बरामदगी कर चतरा के लिए रवाना हो गयी। फिलहाल,पुलिस इस मामले में अन्य लोगों के सम्मिलित होने का पता लगा रही है।
हालांकि, इसे लेकर बोकारो पुलिस और चतरा पुलिस ने कुछ भी बोलने इंकार कर दिया। वहीं, हजारीबाग से आईसीडब्ल्यूसी की महिला अधिकारी ने भी मीडिया से दूरी बनाए रखा।