L19 DESK : गर्मी आते ही पानी की समस्या शुरू हो जाती है। नगर निगम ने इससे निपटने के लिए पेयजल विभाग और झमाडा के साथ मिलकर व्यापक स्तर पर योजना बनाई है। इसके साथ ही वाटर टैक्स नहीं देने वालों पर कारवाई हो सकती है । ऐसे लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है। इसमें रेलवे भी शामिल है। सिर्फ रेलवे पर ही धनबाद नगर निगम का नौ करोड़ का वाटर टैक्स बाकी है। रेलवे को कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है ।
नहीं जमा करा रहा रेलवे टैक्स
पिछले साल रेलवे ने 57 लाख 21 हजार 628 रुपये का टैक्स भरा था, अभी भी नौ करोड़ 36 लाख 77 हजार 427 रुपये बकाया राशि है। नगर निगम ने रेलवे को एक बार फिर नोटिस भेजकर बकाया राशि जमा करने को कहा। निगम ने पिछले महीने रेलवे को नोटिस भेजकर पैसे जमा करने का आदेश दिया है ।
रेलवे के अधिकारियों ने निगम में आकर पैसे देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक निगम को बकाया राशि नहीं मिल सका है। पेयजल विभाग ने काफी पहले मेन राइजिंग पाइप से रेलवे को पानी का कनेक्शन दिया था।
कई बार नोटिस भेजे गए
नगर निगम के मुताबिक रेलवे को होल्डिंग टैक्स भी जमा करना है। इसके लिए भी कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है। धनबाद नगर निगम का कहना है कि 1978 तक रेलवे धनबाद नगरपालिका को हर साल तीन लाख 55 हजार रुपये होल्डिंग टैक्स देता है। रेलवे अपने 377 क्वार्टर और 60 कार्यालय का टैक्स जमा करता रहा है। इसके बाद टैक्स देना बंद कर दिया। रेलवे ने ऐसा किस परिस्थिति में किया, इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है।
सेवाओं का लाभ ले रहे हैं, तो टैक्स भरना होगा : नगर आयुक्त
धनबाद नगर निगम ने टैक्स को लेकर रेलवे को पत्र भेजा था। नगर निगम ने रेलवे से कहा था कि झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली 2013 के तहत राज्य एवं केंद्र सरकार के कार्यालयों को हाेल्डिंग टैक्स देना जरूरी है । नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में आप निगम की सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं तो टैक्स देना होगा। सभी को होल्डिंग एवं वाटर टैक्स जमा करने के लिए समय-समय पर नोटिस भेजा जाता है। यह सतत प्रक्रिया है।