L19 DESK : मंगलवार को विधानसभा में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने स्वर्णरेखा नदी में पानी का बहाव में कमी के वजह से मोहरदा पेयजल प्रोजेक्ट के संचालन में हो रही कठिनाई का मामला उठाया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि विधानसभा चांडिल डैम से पानी छोड़ने का निर्देश सरकार को दे। साथ ही संसदीय कार्य मंत्री के विषय का संज्ञान लेने की भी बात कही।
विधायक सरयू राय ने सदन से कहा कि मैंने विधानसभा में चांडिल डैम से मोहरदा पेयजल प्रोजेक्ट के लिए पानी छोड़ने से जुड़े मामले पर दो दिन पहले सवाल किया था, जिसका सरकार ने कोई भी जवाब देने से इंकार कर दिया। कहा कि किसान डैम को पूरा भरने नहीं देते, इसलिए पानी छोड़ना संभव नहीं है।
उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ग़लतबयानी कर राष्ट्रीय जल नीति का उलंघन कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति 2002 के मुताबिक, नदी के जल पर पहला हक पीने के पानी के लिए है। नदी जल का औद्योगिक उपयोग चौथे नम्बर पर आता है। यदि डैम में पानी कम है तो उद्योगों के लिये पानी देने में सरकार कटौती करे, न कि पेयजल के हिस्सा में।
सरयू राय ने सभा अध्यक्ष से अनुरोध कर कहा कि वे जल संसाधन विभाग से आंकड़े मांगे कि चांडिल डैम का डेड स्टोरेज लेन्स क्या है और पूरा लेनेवाले कितने हैं। मानसून आने के पहले विभाग डैम का कितना पानी ख़ाली करना चाहता है ताकि बरसात के समय यहाँ ज़्यादा पानी संग्रह हो और निचले इलाक़े में बाढ़ न आए। इस आधार पर सरकार मोहरदा जलापूर्ति के लिए पानी छोड़ने का विवरण प्रस्तुत करे।
उन्होंने इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री से भी बात की। इस मुद्दे पर वे कल उनके साथ बैठक कर मामले पर बातचीत करेंगे।