RANCHI : झारखंड के निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता के बयानों में अंतर सामने आया है. इस मामले में ACB गहराई से जांच कर रही है और सभी बयानों का आपस में मिलान किया जा रहा है. यह पूरा मामला आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से जुड़ा हुआ है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि विनय चौबे और उनकी पत्नी द्वारा दिए गए बयानों में कई जगहों पर विरोधाभास है.

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ACB की शुरुआती जांच में सामने आया है कि विनय चौबे और उनकी पत्नी ने संपत्तियों और पैसों के लेन-देन को लेकर अलग-अलग बातें कही हैं. इसी वजह से ACB अब सभी आरोपितों के बयानों को आपस में मिलान कर रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके. अधिकारियों का कहना है कि क्रॉस एग्जामिनेशन के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा. इस केस में ACB अब तक विनय कुमार चौबे, उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता, साला शिपिज त्रिवेदी और सरहज प्रियंका त्रिवेदी के बयान दर्ज कर चुकी है. वहीं, इस मामले में एक अहम आरोपी विनय सिंह से भी पूछताछ की तैयारी है. विनय सिंह फिलहाल हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में बंद हैं.

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ACB रांची की टीम उन्हें 27 दिसंबर से एक सप्ताह के रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी . ACB की जांच का फोकस इस बात पर है कि विनय चौबे ने कथित तौर पर जो काली कमाई की, उसका निवेश किन-किन लोगों के जरिए किया गया . इसके लिए अधिकारियों द्वारा आपसी वित्तीय लेन-देन, बैंक खातों और संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. जिन संपत्तियों पर शक है, उनका भौतिक और दस्तावेजी सत्यापन भी किया जा रहा है. जांच के दौरान रांची के अरगोड़ा स्थित अशोक नगर की एक जमीन पर खास ध्यान दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि करीब 20 डिसमिल जमीन के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था. ACB यह पता लगाने में जुटी है कि यह रकम कहां से आई और किस माध्यम से भुगतान किया गया.
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