RANCHI : इरफान अंसारी – यह नाम आज झारखंड में इंसानियत, संवेदनशीलता और महिला सम्मान की मजबूत आवाज बनकर सामने आया है. बिहार में महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत प्रवीण के साथ हुई अमानवीय और शर्मनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. सार्वजनिक स्थान पर हिजाब खींचने की घटना को न केवल एक महिला का अपमान, बल्कि संविधान और मानवीय मूल्यों पर सीधा हमला माना गया.
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झारखंड में महागठबंधन की सरकार का बड़ा और ऐतिहासिक फैसला
बिहार में महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत प्रवीण के साथ हुई अमानवीय और शर्मनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया।
हिजाब खींचना सिर्फ एक महिला का नहीं, संविधान और इंसानियत का अपमान है।
झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री आदरणीय हेमंत सोरेन… pic.twitter.com/f2mPl3F0Im
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) December 19, 2025
इस घटना के बाद झारखंड की महागठबंधन सरकार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के मानवीय निर्णय से एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है. इस फैसले के जरिए सरकार ने साफ संदेश दिया है कि झारखंड में बेटियों, अल्पसंख्यकों और डॉक्टरों के सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा.
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झारखंड सरकार ने डॉ. नुसरत प्रवीण को राज्य में सम्मानजनक सरकारी नियुक्ति देने का निर्णय लिया है. यह फैसला केवल एक नौकरी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सुरक्षा, सम्मान और गरिमापूर्ण कार्य वातावरण की पूरी गारंटी शामिल है.
सरकारी निर्णय के अनुसार डॉ. नुसरत प्रवीण को –
- ₹3,00,000 का मासिक वेतन
- झारखंड सरकार में सरकारी नौकरी
- उनकी पसंद के अनुसार पोस्टिंग
- सरकारी आवास (फ्लैट)
- पूर्ण सुरक्षा और सम्मानजनक कार्य वातावरण
प्रदान किया जाएगा.
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सरकार के इस फैसले को महज नियुक्ति नहीं, बल्कि महिला सम्मान और इंसानियत की जीत के रूप में देखा जा रहा है. जहां एक ओर महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना ने देश को शर्मसार किया, वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार ने संवेदनशीलता और संवैधानिक मूल्यों के साथ ठोस कार्रवाई कर एक सकारात्मक उदाहरण पेश किया है.
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस निर्णय की व्यापक सराहना हो रही है. विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि यह कदम न सिर्फ महिला सुरक्षा और डॉक्टरों के सम्मान को मजबूती देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारें चाहें तो अन्याय के खिलाफ मानवीय और संवैधानिक तरीके से मजबूत संदेश दे सकती हैं.
