Ranchi/Deoghar : कहते हैं कि पुलिसिंग अगर सही हो-तो अपराधी एक पत्ता भी नहीं हिला सकते. ठीक वैसे ही अगर प्रशासन पूरे शिद्दत से किसी योजना को जमीनी पर उतारने की कोशिश करे, तो भ्रष्टाचार का छाया कभी पड़ ही नहीं सकता. लेकिन संथाल में जो हो रहा है और जो हो चुका है, वो काफी चौंकाने वाला है. मनरेगा के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ, वो भी प्रशासन के ठीक नाक के नीचे. लेकिन पूरा देवघर प्रशासन मौन रहा. आज बात हो रही है देवघर के मोहनपुर प्रखंड की. देवघर के छोटे से प्रखंड मोहनपुर में पंचायत सचिव से लेकर बीडीओ तक के नाक के नीचे मनरेगा का महाघोटाला होता रहा और सभी ने चुप्पी साध ली.
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जेंडर, उम्र किसी की भी नहीं रखा गया ख्याल
Loktantra19.com के पास इतने कागजी सबूत हैं, जिसे पूरा पढ़ा जाना संभव नहीं है. लेकिन, इन हर कागज पर भ्रष्टाचार का फसाना लिखा हुआ है. यहां भ्रष्टाचार से लिप्त दलाल किस्म के लोगों ने पूरे सिस्टम की नाक कटाने का काम किया है. मनरेगा में किसी काम का आखिरी चरण मजदूरी देना होता है. मजदूरी देने से पहले मजदूर का पूरा लेखा-जोखा तैयार करना पड़ता है. बकायदा उसकी तस्वीर ली जाती है. फिर उसे ऑनलाइन अपडेट किया जाता है. तब जाकर मजदूर के खाते में पैसा जमा होता है. मोहनपुर में भी ऐसे ही मजदूरी ली गयी है, लेकिन सारा काम फरेबी से हुआ है. ऑनलाइन अपडेट के जो कागजात मिले हैं. उसमें स्त्री के नाम पर हजारों पुरुष, नाबालिग बच्चों की तस्वीर लगाकर, एक ही तस्वीर में मौजूद राम अगले कागजात में सलमान हो जाता है. ऐसे हजारों सबूत Loktantra19.com के पास मौजूद हैं.
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प्रशासन की चुप्पी सारे राज खोल रहा है
ऐसा नहीं है कि देवघर के सिर्फ मोहनपुर में ही यह घोटाला हुआ है. हर प्रखंड में मनरेगा के नाम पर करोड़ों का बंदरबांट हुआ है. लेकिन फिर देवघर प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है. या फिर चुप्पी ही सारे राज खोल रही है. क्योंकि पंचायत सचिव से होते हुए बीडीओ और फिर डीसी तक यह सारी फाइलें जाती हैं. ऐसे में ऐसा कहना कि किसी अधिकारी की नजर इसपर नहीं पड़ी होगी बेइमानी होगी. एक-एक कर Loktantra19.com संथाल में हुए मनरेगा घोटाले का पर्दाफाश करेगा. फिलहाल शुरुआत मोहनपुर से.
