RANCHI/DELHI : झारखंड कांग्रेस विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक आज दिल्ली में आयोजित की जा रही है। इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक केवल संगठनात्मक औपचारिकता तक सीमित नहीं होगी, बल्कि इसमें झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस मंत्रियों के कामकाज और पार्टी के भीतर उभर रहे असंतोष पर गंभीर मंथन किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें : BJP में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल, नितिन नवीन बने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो बैठक में हाल के दिनों में सामने आए प्रदीप यादव और इरफान अंसारी से जुड़े कथित ‘प्लांटेड ऑडियो प्रकरण’ पर भी चर्चा हो सकती है। इस प्रकरण को लेकर पार्टी के भीतर सवाल उठे हैं और कई विधायक चाहते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष समीक्षा हो।
चार मंत्रियों के प्रदर्शन पर हो सकता है आकलन
बैठक में झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस के चार मंत्रियों के कार्यों का मूल्यांकन किए जाने की संभावना जताई जा रही है। संगठन स्तर पर यह फीडबैक लिया जा सकता है कि मंत्री अपने-अपने विभागों और विधायकों के साथ किस तरह समन्वय स्थापित कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें : झारखंड में मनरेगा का महाघोटाला! अरबों की लूट, Loktantra19 के हाथ लगे चौंकाने वाले सबूत
सूत्र बताते हैं कि कई कांग्रेस विधायक इस बात से नाराज हैं कि कांग्रेस के मंत्री विधायकों के कार्यों और सुझावों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसका सीधा असर विधानसभा क्षेत्रों में पड़ रहा है, जहां विधायक जनता के बीच जवाबदेही के दबाव में आ रहे हैं।
विधायकों की शिकायतें खुलकर रखे जाने की संभावना
बैठक में कांग्रेस विधायक अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों को रखते हुए मंत्रियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत भी कर सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ विधायकों ने संगठन नेतृत्व तक यह बात पहुंचाई है कि मंत्री और विधायक के बीच तालमेल की कमी की वजह से सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
संगठन और सरकार के बीच संतुलन पर जोर
कांग्रेस नेतृत्व इस बैठक के जरिए यह संदेश देना चाहता है कि सरकार और संगठन दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी को इसी संदर्भ में अहम माना जा रहा है, ताकि विधायकों की बात सीधे केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचे और भविष्य की रणनीति तय की जा सके।
इसे भी पढ़ें : बयान से बवाल तक : ज्योत्सना करकेटा के शब्दों पर हंगामा, लेकिन सवाल अब भी गहरे हैं
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बैठक आने वाले दिनों में झारखंड कांग्रेस के भीतर मंत्रिमंडलीय समन्वय, जवाबदेही और संगठनात्मक अनुशासन को लेकर अहम दिशा तय कर सकती है।
