L19 DESK : सीयूजे में राष्ट्रीय कर्मयोगी वृहत स्तरीय जन सेवा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। 09 से 17 सितंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों को राष्ट्रीय कर्मयोगी के उद्देश्य के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। कार्यक्रम के प्रथम दिन कुलपति, प्रो. क्षिति भूषण दास और कुलसचिव के कोसल राव ने उद्घाटन किया।
कुलपति ने इस अवसर पर सभी से इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुसार एक सरकारी कर्मचारी के एक अच्छा जीवन जीते हुए देश के लिए काम करने के लिए कर्मयोगी बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि एक कर्मयोगी बनकर ही है हम देश को ऊंचाइयों तक लेकर जा सकते हैं। कार्यक्रम के प्रथम दिन 20 प्रोफेसरों को प्रशिक्षित किया गया और आज कार्यक्रम के द्वितीय दिन 33 प्राध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम के समन्वयक और मास्टर ट्रेनर डॉ बी. बी. मिश्रा ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान सभी कर्मचारियों को पांच चरणों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसे भारत सरकार के द्वारा मॉनिटर किया जा रहा। पांच चरणों के तहत कर्मयोगी कार्यक्रम क्या है; किसे कर्मयोगी कहेंगे; कर्मयोगी बनने के आंतरिक और बाह्य फायदे और खुशी का संचार; कैसे समय समय पर अपने कार्य के प्रति समर्पित होकर कर्मयोगी बने और एक कर्मयोगी बनकर कैसे देश के विकास में योगदान दें।
कार्यक्रम की सह-समन्वयक और मास्टर ट्रेनर, डॉ प्रज्ञान पुष्पांजलि ने बताया कि इस 9 दिवसीय कार्यक्रम में चार दिन विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और तीन दिन शिक्षेत्तर कर्मचारियों का प्रशिक्षण चलेगा। कार्यक्रम में अन्य मास्टर ट्रेनर अब्दुल हलीम, उपकुलसचिव और डॉ भगवती देवी भी सभी सत्र में प्रशिक्षुओं को वीडियो ट्यूटोरियल के माध्यम से समझने में मदद किया।