Deoghar/Delhi : बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश विवाद के मामले में गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी पर दर्ज प्राथमिकी ने अब संवैधानिक टकराव का रूप ले लिया है। सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष से विशेषाधिकार हनन की शिकायत की थी, जिस पर संसद ने संज्ञान ले लिया है।
लोकसभा अध्यक्ष का संज्ञान – नोटिस और रिपोर्ट तलब
सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में कहा कि यह मामला उनके विचाराधीन है। उन्होंने गृह मंत्रालय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और झारखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, देवघर के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है।
दुबे का गंभीर आरोप – प्रोटोकॉल उल्लंघन, असंवैधानिक कार्रवाई और राजनीतिक साजिश
डॉ. दुबे ने इस प्रकरण को प्रोटोकॉल मानदंडों का उल्लंघन और घोर असंवैधानिक कार्य बताया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से झारखंड सरकार के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और यह भी जांच कराने की अपील की कि हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनके खिलाफ कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं।
अपने सोशल मीडिया वॉल पर निशिकांत दुबे ने लिखा –
मंदिर प्रवेश विवाद से उपजा मामला
शुक्रवार को पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर के बयान पर सांसद दुबे, सांसद मनोज तिवारी और अन्य पर बाबा मंदिर में निकास द्वार से प्रवेश करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके अगले दिन शनिवार को डॉ. दुबे स्वयं देवघर पहुंचे और बाबा मंदिर थाना में गिरफ्तारी देने का आग्रह किया, लेकिन कानूनी प्रावधानों में तकनीकी कारणों से पुलिस ने गिरफ्तारी से इनकार कर दिया।