L19 DESK : सिरमटोली रैम्प विवाद पर आजसू पार्टी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी ने हेमंत सोरेन को आदिवासी–मूलवासी विरोधी बताया है. आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत और झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि आदिवासी समाज कई दिनों से आंदोलनरत है कि फ्लाईओवर के रैम्प से सिरमटोली सरना स्थल का मार्ग बाधित नहीं किया जाए, लेकिन हेमंत सरकार के रैम्प विवाद का समाधान नहीं करना चाहती.
उन्होंने कहा कि आज भी सरकार की ओर से सैकड़ों सुरक्षा बलों को तैनात कर सरना स्थल की किलेबंदी कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रैम्प विवाद को नजरअंदाज कर साबित कर दिया है कि उन्हें आदिवासी संस्कृति और सरना स्थल की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरना समिति तथा अन्य संगठनों के आंदोलन का आजसू समर्थन करती है. रैम्प विवाद पर रांची बंद को मिले जनसमर्थन के बाद भी राज्य सरकार की आंख नहीं खुली है.
डॉ भगत ने कहा कि सरना स्थल के सामने रैम्प को उतरने का औचित्य समझ में नहीं आता. उन्होंने कहा कि डोरंडा फ्लाईओवर को कांटाटोली फ्लाईओवर के साथ मिला दिया जाना चाहिए था, ताकि सिरमटोली चौक पर ट्रैफिक जाम न हो.