L19 Desk : केंद्र सरकार पर झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर अब जल्द ही 2 लाख 36 हजार करोड़ हो जायेगा। झारखंड वित्त विभाग इसका ब्योरा तैयार करने में लगा है। इसकी रिपोर्ट कुछ दिनों में पेश कर दी जाएगी। केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। समाज के उत्थान के लिए जो विकास योजनाएं चलाई जा रही है, उसमें केंद्र सरकार का जो अंश है, उसे देने में कोताही बरती जा रही है।
ये कहना है झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह का। मंत्री दीपिका दरअसल, बीते शनिवार 16 फरवरी को दुमका स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में किसी मामले में पेश होने आयी थी। कोर्ट से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए जो योजनाएं यहां पर चलायी जा रही है उसमें केंद्र सरकार अपना अंश देने में कोताही बरत रही है।
दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि पहले से ही केंद्र सरकार पर कोयले की रॉयल्टी 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है। हाल के दिनों में अलग‐अलग विभाग के करोड़ों का बकाया हो चुका है, जिसमें पीएम आवास योजना, मनरेगा, नल‐जल योजना और बाल विकास परियोजना की राशि शामिल है। मंत्री ने कहा कि झारखंड के वित्त विभाग के द्वारा इन बकायों का एक ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। कुछ दिनों में हम लोगों के द्वारा भी यह रिपोर्ट पेश की जाएगी कि हमारे विभाग का कुल कितना बकाया है। मंत्री ने कहा कि अभी से दोगुना बकाया हो जाएगा।
दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अगर राशि देना नहीं चाह रही है तो इसे पाने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। सभी जानते हैं कि झारखंड आंदोलनकारियों की भूमि रही है। मंत्री ने कहा कि हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से हमारी बैठक हुई थी। उसमें भी हमने उनसे यह कहा कि पीएम आवास की इकाई क्यों कम की जा रही है। साथ ही इसमें जो 1 लाख 20 हजार रुपए दिए जा रहे हैं, वो अपर्याप्त हैं।
बता दें कि झारखंड सरकार बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है। इस बकाये राशि की मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले कार्यकाल में कई दफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा। अब राज्य सरकार कार्रवाई के मूड में आ गयी है। पिछले दिनों राज्य सरकार में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर बकाये राशि की मांग करते हुए पत्र सौंपा।
इस दौरान राधाकृष्ण किशोर ने निर्मला सीतारमण और जी किशन रेड्डी को बकाया राशि का पूरा ब्योरा सौंपा, बताया कि कौन से मद में कितनी राशि चुकता करना बाकि है। इस दौरान उन्होंने केंद्र से मिलने वाले अनुदान में हुई कटौती पर भी सवाल उठाये। इसके बाद केंद्र सरकार के कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने खनन मामले में झारखंड की बकाया राशि देने का आश्वासन दिया था, साथ ही केंद्रीय कोयला मंत्रालय और झारखंड सरकार के खान विभाग के अधिकारियों की टीम गठित करे।